मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों के लिए लड़ने वाले साहित्यकार थे प्रेमचंद: डॉ. विभूति

हरमुद्दा
शाजापुर, 31 जुलाई। प्रेमचंद मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों के लिए लड़ने वाले साहित्यकार थे। यदि रुस के मैक्सिम गोर्की पूरी फिल्म बनाते और चीन के लुशून बोध कथा लिखते हैं, तो प्रेमचंद एक कमर्शियल ब्रेक की तरह हैं, जिसका होना आवश्यक है। गोदान में जहां सहजीवन को सहेजने का प्रयास है। तो ईदगाह में हामीद का चिमटा संवेदना की पराकाष्ठा है। जब तक वर्ग संघर्ष और शोषण है, तब तक प्रेमचंद्र को भुलाया नहीं जा सकता।
यह विचार प्रभारी प्राचार्य डॉ. बीएस विभूति ने व्यक्त किए। डॉ. विभूति शासकीय महाविद्यालय मोहन बड़ोदिया में प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। आयोजन में हिंदी के डॉ. विमल लोदवाल ने प्रेमचंद के आरंभिक जीवन एवं उनके रचनाकर्म पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रेमचंद को एक महान उपान्यासकार बताया।

यह थे उपस्थित

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कार्यक्रम में गजराज अहिरवार, डॉ. वंदना मंडोर, अभय भौंसले, संजय पड़ोले सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन डॉ. राजकुमार सूत्रकार ने किया। आभार सायरा बानो ने माना।

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