सामाजिक सरोकार : हमारे सामाजिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा है हिंदी
⚫ रंगकर्मी एवं शिक्षाविद ओपी मिश्रा ने कहा
⚫ “राष्ट्रभाषा हिन्दी के संघर्ष भरे 75 वर्ष” वार्षिक पत्रिका का हुआ विमोचन
⚫ औपचारिकता से बचकर दिल से सम्मान दे हिंदी को : डॉ. राव
⚫ विश्व भाषा बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है हिंदी : डॉक्टर चौधरी
⚫ जरूरत हिंदी के प्रति प्रेम जगाने की : कुमावत
⚫ लोकगीत प्रतियोगिता में श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल अव्वल
हरमुद्दा
रतलाम, 18 सितंबर। किसी भी ज्ञान को गहराई से अर्जित करना है तो वह अपनी भाषा में ही संभव है। हिन्दी हमारी अपनी भाषा है। इसलिए वह हमारे सामाजिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। ज्ञानार्जन का वास्तविक आधार हिन्दी ही हैं । इसलिए हम सबको शुद्ध बोलने, लिखने और पढ़ने की आदत डालनी पड़ेगी। यह तब संभव होगा, जब हम अंग्रेजी के मोहजाल से बाहर निकलेंगे।
यह विचार रंगकर्मी शिक्षाविद ओमप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किए। श्री मिश्र स्वर्गीय पं. अरुण भार्गव स्मृति-हिन्दी प्रचार-प्रसार समिति रतलाम व्दारा “राष्ट्रभाषा हिन्दी के संघर्ष भरे 75 वर्ष” वार्षिक पत्रिका का विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अतिथियों ने पत्रिका का समारोह पूर्वक विमोचन किया।
औपचारिकता से बचकर दिल से सम्मान दे हिंदी को : डॉ. राव
स्थानीय शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के सभा गृह में हिन्दी प्रेमियों का संबोधित करते हुए डॉ. प्रदीपसिंह राव ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी भारतवर्ष की एक आवश्यकता है। हिन्दी के मामले में हमें औपचारिकता से बचकर दिल से सम्मान देना चाहिए।
विश्व भाषा बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है हिंदी : डॉक्टर चौधरी
विशेष वक्ता के रूप में उज्जैन से आए हिन्दी प्रेमी डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि हिन्दी विश्व भाषा बनने की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ रही है । हिन्दी सबको बड़ा बनाती है। अंग्रेजी किसी का भला नहीं कर सकती है। उसका उद्देश्य तो दासप्रथा को बढ़ावा देना है। जबकि हिन्दी में अपनापन है।
जरूरत हिंदी के प्रति प्रेम जगाने की : कुमावत
उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुभाष कुमावत ने कहा कि हिन्दी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है। आज की पीढ़ी को मन में हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम जगाना आवश्यक है। यदि आज की पीढ़ी के मन मे हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम जाग्रत हो जाए तो फिर हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
लोकगीत प्रतियोगिता में श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल अव्वल
हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में लोक संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से लोकगीत प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में श्री गुरू तेग बहादुर पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय रतलाम को द्वितीय स्थान मिला। तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से शासकीय हाई स्कूल कुण्डा तथा सी. एम. राइज मॉडल स्कूल सैलाना रहे। निर्णायक के रूप में दिनेश बारोठ व विनीता ओझा मौजूद थीं।
पूजन, अर्चन और माल्यार्पण से कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती व श्री अरुण भार्गव के चित्र पर माल्यार्पण व पूजन के साथ हुआ। मंचस्थ अतिथियों का पुष्प मालाओं से आत्मीय अभिनंदन दिलीप पवार, सीमा अरुण भार्गव, डॉ. मुनीन्द्र दुबे, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, भावना पुरोहित, नरेन्द्रसिंह पंवार, हेमन्तसिंह राठौर, राजीव लवानिया, अंजूम खान, महावीरसिंह राठौर, राजीव लोचन कुशवाह, सुजात मोहम्मद, राकेश जादौन, जितेन्द्रसिंह पथिक, निर्मल सिंह चौहान, दिलीप चौहान, पिंकी यादव, रईस पठान, संजय मेहता, श्याम सुन्दर भाटी, सुभाष यादव, रणजीत सिंह राठौर आदि ने किया। संचालन जुबैर आलम कुरैशी व नरेन्द्रसिंह पंवार ने किया। आभार विनोद शर्मा ने माना।