कर्मचारी सरोकार : 7 वर्षों से प्रदेश के कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी, कर्मचारियों में बढ़ रही निराशा

राज्य कर्मचारी संघ ने कर्मचारियो की विभिन्न मांगो को लेकर दिया ज्ञापन

कर्मचारियो की मांगो की पूर्ति के लिए समय समय पर  करवाया ध्यानाकर्षण

हरमुद्दा

रतलाम, 24 सितंबर। राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौपा।

म.प्र. राज्य कर्मचारी संघ के ज़िला सचिव अनिल मेहता ने बताया की संघ द्वारा प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की न्यायोचित मांगो के सम्बन्ध में म.प्र शासन को ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियो की मांगो की पूर्ति हेतु समय समय पर ध्यानाकर्षण करवाया जाता रहा है।

कर्मचारियों में निराशा, पड़ रहा विपरीत प्रभाव

संपूर्ण भारतवर्ष में मध्य प्रदेश ऐसा इकलौता राज्य बन गया है,जहां पिछले 07 वर्षों से प्रदेश के कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी  हुई है जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में दिन प्रतिदिन निराशा बढ़ने से शासकीय  कार्यो पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इन्ही कारणों से संघ द्वारा प्रदेश भर में कर्मचारियों की मांगे म.प्र.में पुरानी पेंशन योजना वरिष्टता के साथ लागू कि जावे,प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियां  अति शीघ्र प्रारंभ की जावे,प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का भुगतान किया जाए,प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मंडल इत्यादि के कर्मचरियों को गृह भाडा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए। प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जाए।

प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी, कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती की जावे एवं विभागाध्यक्ष को  अपने विभागमें  उपरोक्त कर्मियों  को नियमितीकरण के अधिकार दिए जावे तथा तृतीय श्रेणी /चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्स कर्मियों को शा.सेवक मान्य किया जाकर , कार्यभारित  कर्मचारियों को  अवकाश नकदीकरण का लाभदिया जावे,नवीन नियुक्तियों मे स्टाय फंड(70,80,90%) की व्ययवस्था को समाप्त कर 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि के पूर्ववर्ति नियम को लागू किया जावे,स्वास्थ विभाग एवं आयुष विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगो/ वेतन विसंगतियों  का शीघ्र निराकरण किया जावे,कई वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों के विरुद्ध कार्यरत कुष्ठ कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता एवं महंगाई भत्ता का लाभ दिया जावे,पंचायत सचिव एवं स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावे,विभिन्न विभागों के संवर्गो के वेतन विसंगति का निराकरण म.प्र.शासन द्वारा गठित वेतन आयोग द्वारा कराया जाए।

वेतन आयोग के “विचारणीय विषय” वित्त विभाग म.प्र.शासन के राजपत्र दिनांक 12 -दिसम्बर 2019 अनुसार जारी किए जावे,आयुष संचालनालय द्वारा वर्ष 2003 मे  रिक्त पद के विरुद्ध की गई संविदा नियुक्तियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाए। मुख्य सचिव स्तरीय परामर्श दात्री समिति की बैठक शीघ्र आयोजित की जाए  आदि लगभग 25 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया।

यह थे मौजूद

ज्ञापन देते समय राज्य कर्मचारी संघ के संभागीय उपाध्यक्ष प्रमोद पाठक, जिलाध्यक्ष सुरेश जोशी, ज़िला सचिव अनिल मेहता, ज़िला कोषाध्यक्ष नरेंद्र पांडरकर भारतीय मजदूर संघ जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, जिला सचिव दिलीप पाटीदार, रतलाम तहसील अध्यक्ष अशोक शर्मा, सैलाना तहसील अध्यक्ष डा राकेश राज शर्मा,जावरा तहसील अध्यक्ष परीक्षित पुरोहित,सचिव अजय उपाध्याय, डा राकेश राज शर्मा, डॉ. रविन्द्र उपाध्याय, प्रवीण रावल, डॉ.  रमेश कटारा, कमलेश सेन, डॉ.  मुनीन्द्र दुबे, अंबाराम सूर्यवंशी, जगदीश परिहार आदि कई कर्मचारी साथी उपस्थित रहे।  आभार प्रदर्शन अशोक शर्मा द्वारा किया गया।

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