मनोरंजन सरोकार : कवि सम्मेलन में खूब लगाए ठहाके

मध्य प्रदेश के साथ दिल्ली और राजस्थान के कवियों ने खूब दाद बटोरी

नेपाल काठमांडू से आए कवि ने लक्ष्मण नेपाली ने किया मां का गुणगान

कवि मारुति नंदन ने कहा पाक अधिकृत कश्मीर पर अब अपना शासन होगा

हरमुद्दा
रतलाम 12 अक्टूबर। नगर निगम द्वारा आयोजित किया जा रहे दस दिवसीय श्री कालिका माता नवरात्री मेले के नौवें दिन निगम के सांस्कृतिक मंच से कवियों ने अपने काव्य पाठ किया। उपस्थित श्रोताओं ने खूब ठहाके लगाए।

रचना सुनाते हुए कवि

शाजापुर से आये कवि अशोक नागर ने अपनी कविता में कहा कि –

वो दंगों का आगजनी का खेल नहीं चलने देगा,
लूटमार और ब्लैक मनी का, खेल नहीं चलने देगा,
तुम तुलसी से रविदास को, अलग नहीं कर पाओगे,
वो सनातनी में तनातनी का खेल नहीं चलने देगा।

महाकाल की नगरी उज्जैन से आई कवयित्री निशा पंडित ने अपना कविता पाठ करते हुए कुछ यूं कहा –

देख कर मेरा चेहरा, जब वो मुस्कुराती है।
मानो रूठी किस्मत भी, मेरी जगमगाती है।
बेटियां है जिस घर में ,घर नहीं वो मंदिर है।
रमती है सभी देवियां, मंगलाचरण गाती है।

मांडवगढ़ से आये कवि धीरज शर्मा ने अपनी कविता में कहा कि –

संस्कार का कोई स्कूल नहीं होता कोई ट्यूशन कोई कोचिंग नहीं होती
व्यर्थ में संस्कारों को ढूंढने की कोशिश तो करता है
घर संस्कारों का विश्वविद्यालय होता है        

उदयपुर राजस्थान से आये कवि सिद्धार्थ देवल ने अपनी कविता में कुछ यूं कहा

महामृत्युंजय है महेश का क्लेश नहीं हो सकता है।
जिसका शेष विशेष रहा अवशेष नहीं हो सकता है।
बुद्ध धरा पर युद्ध सना परिवेश नहीं हो सकता है।
यह श्री राम का भारत बंग्लादेश नहीं हो सकता है।।

देश की राजधानी दिल्ली से आई कवयित्री रजनीसिंह अवनि ने अपना कविता पाठ करते हुए कहा कि –

छोड़ के सुख जो राजमहल का जंगल जंगल घूमे थे
मात-पिता के चरण जिन्होंने निज नयनों से चूमे थे
जिन्होंने वन की धूल को समझा कि माथे का चंदन है
ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम को वंदन है।

नेपाल की राजधानी काठमांडू से आये कवि लक्ष्मण नेपाली ने अपना कविता पाठ करते हुए कहा कि –

जब जब कागज़ पर लिखा,
               मैंने माँ का नाम
क़लम अदब से कह उठी
               हो गये चारों धाम

नाथद्वारा से आये कवि कानू पंडित ने अपनी कविता में कुछ यूं कहा –

रोज जल्दी उठ घर आंगन बुहार जाती
कौना कौना घर का सवार जाती बेटीयां
माता पिता जब दुनिया में नहीं आने देते
तब ज़िन्दगी की जंग हार जाती बेटियां

इटारसी से आये कवि मुकेश शांडिल्य ने अपनी कविता में कुछ यूं कहा कि


मां के कारण मेरे घर में रोज दिवाली है
वरना सारा घर लगता फिर खाली खाली है
     
कोटा से आये कवि मारूति नन्दन ने अपनी कविता में कहा कि

पाक अधिकृत कश्मीर पर अब अपना शासन होगा,
श्री नगर के लाल चौक पर मोदी का भाषण होगा,
अमर तिरंगा केशर क्यारी में खुलकर लहरायेगा,
भारत का हर बच्चा बच्चा वन्दे मातरम् गायेगा!

कवियों का किया स्वागत

आमंत्रित कवियों का स्वागत महापौर प्रहलाद पटेल, निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट, सामान्य प्रशासन समिति प्रभारी धर्मेन्द्र व्यास, राजस्व समिति प्रभारी दिलीप गांधी, महापौर परिषद सदस्य अक्षय संघवी, मनोहरलाल राजू सोनी, क्षेत्रिय पार्षद योगेश पापटवाल, पार्षद परमानन्द योगी, रणजीत टांक, नासिर कुरेशी, श्रीमती कविता महावर के अलावा सोनू यादव, हेमन्त राहौरी, नन्दकिशोर पवांर, रामबाबु शर्मा, राजेश रांका, गौरव त्रिपाठी आदि ने पुष्पहार व पुष्प गुच्छ से किया।

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