साहित्य सरकार : प्रेम पथ पर अग्रसर करती है शब्दों की ताकत

डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने कहा

जनवादी लेखक संघ की काव्य गोष्ठी आयोजित

हरमुद्दा
रतलाम, 10 नवंबर। शब्दों की ताक़त मनुष्य को प्रेम पथ पर अग्रसर करती है। कविताएं हमें जीवन का सही मार्ग चुनने की शक्ति देती है और ऊर्जा भी प्रदान करती है। हर कविता अपना मार्ग स्वयं तय करती है और रचनाकार उस मार्ग पर चलते हुए अपनी दिशा निर्धारित करता है।

यह विचार जनवादी लेखक संघ द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने व्यक्त किए। उन्होंने अपनी प्रेम विषयक कविता का पाठ करते हुए कविता के महत्व को रेखांकित किया। वरिष्ठ कवि एवं अनुवादक प्रो.रतन चौहान ने फोटोग्राफर और नारी शक्ति के महत्व को रेखांकित करती कविता का पाठ किया। युसूफ जावेदी ने कहा मनुष्यता की आज के समय में आवश्यकता को अपनी कविता के माध्यम से स्वर प्रदान किया। जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर ने समाज की विसंगतियों पर केंद्रित अपनी कविताएं पढ़ीं।

इन्होंने की रचनात्मक सहभागिता

काव्य गोष्ठी में जितेंद्र सिंह पथिक , नरेंद्र सिंह पंवार, हीरालाल खराड़ी, जयवंत गुप्ते, सुभाष यादव, अनीस खान , नरेंद्र सिंह डोडिया, आशा श्रीवास्तव ,ओम प्रकाश मिश्रा , जुबेर आलम कुरेशी , एस.के. मिश्रा , गीता राठौर, मांगीलाल नगावत , सत्यनारायण सोढ़ा, कला डामोर ने भी रचनात्मक सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। इस अवसर पर उपस्थितजनों ने नई पीढ़ी के बीच रचनात्मकता बढ़ाने और साहित्य से नई पीढ़ी को जोड़ने पर आवश्यक विचार विमर्श भी किया । विचार विमर्श गोष्ठी में सुधि साहित्यकार मौजूद थे।

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