जोश, जुनून, उत्साह से मनाया आदिवासी दिवस, नजर आई संस्कृति की झलक
हरमुद्दा
शाजापुर, 09 अगस्त। विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को जिला मुख्यालय पर उत्साह के साथ मनाया गया। समारोह में आदिवासी कन्या छात्रावास की छात्राओं ने सामूहिक लोक नृत्य कुमारी सोनू सांवले, कुमारी सपना, कुमारी मैघा एवं कविता ने एकल रूप से देशभक्ति गीत एवं कविताएं सुनाई। आदिवासी दिवस जोश, जुनून, उत्साह से मनाया गया। आदिवासी दिवस पर लोक संस्कृति की झलक नजर आई।
यह थे उपस्थित
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य राजकुमार कराड़ा उपस्थित थे। समारोह में जनपद पंचायत मो. बड़ोदिया अध्यक्ष अजबसिंह पंवार, कलेक्टर डाॅ. वीरेन्द्र सिंह रावत, वनमण्डलाधिकारी भारत सिंह बघेल, अतिरिक्त कलेक्टर मंजूषा राय, जिला पंचायत सीईओ शिवानी वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी यूएस मरावी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि कालूराम कुण्डला, आशुतोष शर्मा, सचिन पाटीदार, पार्षद कैलाश गवली सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक व विद्यार्थीगण उपस्थित थे। अतिथियों ने समारोह का शुभारंभ क्रांतिकारी वीर बिरसा मुण्डा एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया।
पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए प्रमाण-पत्र
विभिन्न परीक्षाओं में 82 प्रतिशत अंक हासिल करने पर पंकज भिलाला, 76.4 प्रतिशत अंक हासिल करने पर सजन सिंह, 75 प्रतिशत अंक हासिल करने पर मेघा सिद्धनाथ, 73 प्रतिशत अंक हासिल करने पर हरिओम, 61.6 प्रतिशत अंक हासिल करने पर सतीश भिलाला, सामाजिक कार्य करने पर कन्हैयालाल एवं मोहनलाल को पुरस्कार स्वरूप प्रमाण-पत्र प्रदान किए। संचालन छात्रावास अधीक्षक सीएम पाटीदार ने किया। आभार कमलसिंह बोड़ाना ने माना।
संस्कृति और रीतिरिवाज बचान जरूरी
प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस पहली बार मनाया जा रहा है, यह सौभाग्य की बात है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में आदिवासी निवास करते हैं। आदिमकाल से आदिवासी जंगलों में दूर-दराज के क्षेत्रों में बसते है। संस्कृति और रीतिरिवाज बचाये रखने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है।
▪ डॉ. वीरेन्द्रसिंह रावत, कलेक्टर
प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिला
संविधान के कारण ही आदिवासियों को प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिला है। प्रदेश में पहली बार सरकार द्वारा आदिवासी दिवस मनाए जाने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
▪ मो. बड़ोदिया पंवार, जनपद अध्यक्ष
अधिकारों के प्रति रहे जागरूक
विद्यार्थी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। प्रयास से ही सफलता मिलती है। आदिवासी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बने और शिक्षा अर्जित करें।
▪ आशुतोष शर्मा
जमीन बचाने की रही परम्परा
आदिवासी संस्कृति को बचाये रखने और बनाये रखने तथा जड़ो को जानने के लिये यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है। आदिवासियों की पुरातन काल से ही जल, जंगल, जमीन बचाने की परम्परा रही है और वे जंगलों में ही निवास करते है।
▪ सुश्री निशा मेहरा, जिला संयोजक