आपदा से निपटने के सबक: आपदा का प्रशिक्षण नितान्त जरूरी: श्री बागरी
हरमुद्दा
रतलाम, 10 अगस्त। आपदा कभी कहकर नहीं आती है। आपदा जब भी आती है, केवल नुकसान ही पहुंचाती है। आपदा का प्रशिक्षण नितान्त जरूरी है। आपदा सेे आर्थिक क्षति बड़े पैमाने पर होती है। जिसमें मानवीय जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। आपदा के भयानक परिणाम होते है। उनसे बचाव के विषय में सभी को जानकारी का होना बेहद जरूरी है। आपदा से निपटने का सबक लोकनाथ बागरी जिला प्रबंधक इमरजेंसी डिजास्टर रिलिफ फोर्स ने शनिवार को जिला न्यायालय में सिखाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल के मार्गदर्शन हुए शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रतलाम के सचिव विष्णु कुमार सोनी ने की। श्री बागरी एवं उनकी आठ सदस्यीय टीम द्वारा आपदा प्रबंधन से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
भयानक नुकसान हो सकता है आग से
श्री बागरी ने कहा कि आग लगने के कारण हवा, ईधन और ताप से द्रवित होकर आग उत्पन्न होती है। आग से भयानक नुकसान हो सकता है। आग में आॅक्सीजन, ईधन, पैट्रोलियम पदार्थ ज्वलनशील होते है। घरों में गैस टंकी में आग लगने या गैस निकलने वाली जगह पर गीले कपड़े से पुरे तरीके से लपेट कर सिलेण्डर को बाहर हवा में रख देना चाहिए।
प्रशिक्षण देकर समझाया
श्री बागरी व टीम के सदस्यों ने उपस्थितों को बताया कि बाढ़ से बचाव के लिए ट्यूब बांधकर, लकड़ी के लट्ठे द्वारा नारियल का बोरा एवं खाली बोतलो का जैकेट बनाकर पानी पर तैरा जा सकता है और जीवन को बचाया जा सकता है। बाढ़ में रेस्क्यू टीम इन सब चीजों का उपयोग करती है। महत्वपूर्ण रूप से रस्सी बांधने तथा उस रस्से में गठान लगाने की तथा स्ट्रेचर पर व्यक्ति को कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। श्री बागरी द्वारा प्रदर्शन करके बताया गया।आपदाओं से निपटारे के तरीके सिखाए।
यह थे मौजूद
आयोजन में साबिर अहमद खान, विवेक श्रीवास्तव, तरूणसिंह, जेपी सिंह, अंजयसिंह, अतुल यादव, राकेश पाटीदार, विजय चैहान, राकेश भिड़े, पल्लवी शर्मा, मिताली पाठक, अनुराधा गौतम समस्त न्यायाधीशगण मौजूद थे।
इनका रहा सहयोग
जिला न्यायालय रतलाम के न्यायालयीन स्टाॅफ अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकारगण एवं पैरालीगल वालेंटियर्स दुर्गाशंकर खिंची, विजय शर्मा का सहयोग रहा। अंत में अंकिता प्लास जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा उपस्थित सभीजनों का आभार माना।