बजट चर्चा और विरोध : गरीबों के हितचिंतक बनकर सदन में 34 मिनट खर्च किए कांग्रेसी पार्षद और नेताओं ने

नगर निगम अध्यक्ष ने चेतावनी दी सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं धरना और प्रदर्शन
कांग्रेसी पार्षद और नेताओं का कहना था वादा खिलाफी बंद करो, झूठ बोलना बंद करो, गरीबों से वसूली बंद करो
निगम अध्यक्ष ने कहा इन्हें पानी पिलाओ एसी चलाओ
जब दिया महापौर ने जवाब तो
हरमुद्दा
रतलाम, 29 मार्च। शहर के ₹20000 रेहड़ी पटरी वाले व्यापारियों के लिए कांग्रेस के पास खर्च करने के लिए 34 मिनट थे। इस दौरान अध्यक्ष की आसंदी को घेरा। एमआईसी मेंबर सहित पार्षदों से “तू तू मैं मैं” हुई। मुद्दा यही था कि सड़क और फुटपाथ पर व्यापार करने वालों से वसूली नहीं की जाए। 11:42 पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस पार्षद, नेता सदन में पहुंचे और 12:16 पर निकल गए।
बाजार बैठक शुल्क वसूली वापस लो, जैसे मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पार्षद, नेता एवं नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा के नेतृत्व में शनिवार को नगर निगम में आयोजित बजट चर्चा सम्मेलन में पहुंचे। नारेबाजी की। अध्यक्ष श्रीमती मनीषा मनोज शर्मा की आसंदी को घेर लिया। वादा खिलाफी, वादा खिलाफी, वादा खिलाफी की बातें करते रहे। निगम अध्यक्ष उन्हें समझाइश देती रही कि यह सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। धरना प्रदर्शन ठीक नहीं है। आपसे बात की जाएगी लेकिन वह एक सुनने को तैयार नहीं हुए। कुछ समय पश्चात अध्यक्ष की आसंदी के समक्ष जमीन पर बैठ गए। बजट पर चर्चा को शुरू नहीं होने दिया।
मंद मंद मुस्काते रहे महापौर


इधर महापौर प्रहलाद पटेल मंद मंद मुस्काते रहे। उन्हें पता था कि आखिर इसका हश्र क्या होने वाला है। 11:52 पर महापौर ने कहा शांतिलाल जी बैठ जाइए। आपकी हर एक बात का जवाब दूंगा। मगर कांग्रेसी मानने को तैयार नहीं थे। 12:03 पर अध्यक्ष श्रीमती शर्मा ने कहा कि इन सबको पानी पिलाओ। एसी चलाओ। क्योंकि इसके पहले वह नगर निगम के बाहर गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पानी पिलाया गया। फिर कांग्रेसी बोलते रहे।
होती रही तू तू मैं मैं

इस दौरान काफी समय तक एमआईसी मेंबर सहित पार्षदों और कांग्रेसी पार्षद के बीच “तू तू मैं मैं” होती रही। एक दूसरे के सामने उंगली दिखाकर तेश में बोलते रहे। झूठ बोलना बंद करो। व्यापारियों को सुविधा मिलती नहीं। धूप में और धूल में बैठते हैं। वादा खिलाफी बंद करो। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सड़क पर बैठकर व्यापार करने वालों से वसूली नहीं होगी। इसी दौरान किसी ने कहा कि थूक के चाटना बंद करो।
दिया महापौर ने जवाब

इस बात पर सदन में नाराजगी व्यक्त हुई। निगम अध्यक्ष ने कहा संयमित भाषा का प्रयोग करें। ऐसा कहना उचित नहीं है। महापौर ने कहा कि शहर में तकरीबन 20000 व्यक्ति ऐसे हैं जो की सड़क पर बैठकर व्यापार करते हैं। पहले इनसे प्रतिदिन ₹20 लिए जाते थे। अभी जब से परिषद बनी है, इनसे कोई राशि वसूली नहीं गई, जबकि मध्य प्रदेश शासन का निर्देश था कि परिषद में प्रस्ताव पारित कर इइसे भी राशि वसूली की जाए। यह वसूली नहीं करने के कारण निगम को शासन से विकास का करोड़ों रुपया नहीं मिला है। यहां तक की 960 दिन का वसूली का 38 करोड़ से अधिक रुपया भी निगम ने खोया है। यदि यह राशि भी निगम के पास आती तो ऐसे व्यापारियों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाती। इसलिए प्रस्ताव पास किया है कि वसूली की जाएगी, क्योंकि यह प्रस्ताव तो शासन को भेजना था, इसलिए पास किया गया है ताकि वहां से विकास के करोड़ों रुपए इस मद में आ सके। लेकिन मैं घोषणा करता हूं कि इनसे कभी भी वसूली नहीं होगी। होगी भी तो नाम मात्र की।
सदन से 12:16 पर उठकर चले गए कांग्रेसी नेता और पार्षद

महापौर पटेल यह बातें बता ही रहे थे। उनकी बातों का जवाब दे रहे थे कि 12:16 पर जमीन से उठकर कांग्रेसी पार्षद और उनके नेता उठकर चले गए। कुछ ने तो कान में उंगली डाल रखी थी। इस तरह 20000 लोगों की समस्या के निदान के लिए 34 मिनट खर्च किए। शहर के विकास के बजट पर एक भी कांग्रेसी पार्षद सदन में मौजूद नहीं रहा।