प्रदेश में प्राकृतिक आपदा: 70 जन व 225 पशुधन की हुई हानि, 15 करोड़ का आर्थिक नुकसान
हरमुद्दा
रतलाम, 17 अगस्त। चालू मानसून सत्र में 15 जून से 15 अगस्त तक 61 दिन में 70 लोगों की मृत्यु प्राकृतिक आपदा से हुई है। वहीं 225 पशु धन की हानि हुई है और तकरीबन राज्य को 15 करोड़ का आर्थिक नुकसान की संभावना है।
जानकारी के अनुसार प्राकृतिक आपदा में जिसमें 55 की मृत्यु अधिक वर्षा से संबंधित है, वहीं 15 लोगों की मृत्यु आकाशीय बिजली के कारण हुई है। इस दौरान करीब 225 पशुओं की मृत्यु एवं करीब 15 करोड़ की सम्पत्ति को नुकसान आंकलित है।
प्रदेश भर में लगाए 10 तात्कालिक राहत शिविर
प्राकृतिक प्रकोप से पीड़ित लोगों के लिये कलेक्टर द्वारा अस्थाई राहत शिविर, जिसमें नि:शुल्क रहने एवं भोजन की व्यवस्था का संचालन किए जाने का प्रावधान है। प्रदेश भर में ऐसे 10 तात्कालिक राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें करीब 1300 व्यक्तियों के रहने एवं खाने की व्यवस्था है। प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित पशुओं के लिये अस्थाई पशु शिविर कलेक्टर द्वारा संचालित किए जा सकते हैं। वर्तमान में ऐसे 10 पशु शिविर प्रदेश में संचालित किए जा रहे हैं।
राहत राशि का वितरण
जनहानि की दशा में 4 लाख रुपए की राहत राशि का प्रावधान हे। दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार का प्रावधान है एवं पक्का मकान की संपूर्ण क्षति पर 95 हजार मुआवजा राशि का प्रावधान है। प्रदेश में अधिक वर्षा के कारण कई जिलों में समय-समय पर जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई है। जिसमें कम से कम 1000 व्यक्तियों को जिला प्रशासन, होमगार्ड, एनडीआरएफ, आदि की मदद से बचाव कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है। हाल ही में जिला निवाड़ी में ग्राम बालेसा तहसील पृथ्वीपुर में नदी के बीच टापू में फँसे 3 व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा एयर लिफ्ट कराया गया।