भगवान महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार की 300 करोड़ की योजना, योजना को अंतिम रूप देने मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति गठित
हरमुद्दा
भोपाल, 18 अगस्त। उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 करोड़ की योजना शुरू होगी। महाकाल मंदिर के विस्तार और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रिमंडल के सदस्य मंत्रियों की त्रिस्तरीय सदस्य समिति गठित होगी। इसके साथ ही महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी केबिनेट में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में भगवान महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं के विस्तार पर हुई बैठक में यह निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना समय-सीमा आधारित हो, जिसमें काम शुरु होने से लेकर उसके पूरे होने तक का समय निर्धारित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव करेंगे।
होगा सुनियोजित विकास
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि भगवान महाकाल मंदिर के कारण पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केन्द्र का सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां श्रद्धालुओं के लिए ऐसी व्यवस्थाएं हों, जिनके कारण वे एक-दो दिन रुकें। योजना में महाकाल मंदिर से जुड़ी पौराणिक गाथाएं तथा अन्य आकर्षण शामिल हैं। इससे उज्जैन शहर और यहां के रहवासियों का भी विकास होगा।
मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तार और व्यवस्था में सुधार के दौरान महाकाल मंदिर में मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
आवश्यक निर्णय लेगी समिति
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति में उज्जैन जिले के प्रभारी, लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा एवं नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह सदस्य होंगे। यह कमेटी महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों और जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास और विस्तार के संबंध में आवश्यक निर्णय लेगी। उन्होंने महाकाल मंदिर एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी इसी माह मंत्रिमंडल से अनुमोदित करवाने और 30 सितम्बर तक महाकाल मंदिर के विकास की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरू करने के निर्देश दिए।
महाकाल मंदिर की विकास योजना
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार की योजना में बताया गया कि पहले चरण में यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही प्रवेश और निर्गम, फ्रंटियर यार्ड, नंदी हाल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर, वर्केज लॉन पार्किंग आदि का विकास और निर्माण होगा। दूसरे चरण में महाराज बाड़ा, काम्पलेक्स, कुंभ संग्रहालय, महाकाल से जुड़ी विभिन्न कथाओं का प्रदर्शन, अन्नक्षेत्र, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंड स्केपिंग, रामघाट मार्ग का सौंदर्यीकरण, पर्यटन सूचना केन्द्र, रुद्र सागर झील का पुनर्जीवन, हरि फाटक पुल, यात्री सुविधाओं एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण और विस्तार किया जाएगा।
पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने महाकाल मंदिर की सुध ली
बैठक में महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष पुजारी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री ने महाकाल मंदिर के विकास और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रालय में बैठक की है। उन्होंने इसके लिए पुजारियों और श्रद्धालुओं की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। महाकाल मंदिर के पुजारियों ने मुख्यमंत्री को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और उन्हें भगवान महाकाल का प्रसाद दिया।
यह थे मौजूद
बैठक में लोक निर्माण मंत्री एवं उज्जैन जिले के प्रभारी श्री वर्मा, आध्यात्म एवं जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा, नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह, उज्जैन जिले के विधायक मनोज चावला, महेश परमार, मुरली मोरवाल, जनपद अध्यक्ष अजीत, महाकाल प्रबंधन समिति के सदस्य श्री पुजारी, विजय शंकर एवं दीपक मित्तल उपस्थित थे।