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साहित्य के साथ ललित कलाएं भी होंगी प्रोत्साहित, वनमाली सृजन केंद्र की बैठक संपन्न

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हरमुद्दा
रतलाम, 25 अगस्त। रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला केन्द्र की स्थापना की गई है जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वनमाली सृजन पीठ के साथ मिलकर, साहित्य, कला और संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम करता है। इसी के तहत वनमाली सृजन केंद्र का गठन किया गया है जिसके माध्यम से युवाओं में पुस्तकों के प्रति आकर्षण बढ़ाना तथा ललित कलाओं को प्रोत्साहित करने के अलावा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला भी प्रारंभ किया जा रहा है।
डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन शोध संस्थान परिसर में आयोजित बैठक में वनमाली सृजन केंद्र के अध्यक्ष आशीष दशोत्तर, संयोजक शिरीष जोशी, संस्थान की निदेशक डॉ. शोभना तिवारी, संजय परसाई, कीर्ति शर्मा, सिद्धीक़ रतलामी, सीमा राठौर, लक्ष्मण पाठक, मदन लाल यादव, मनोज, अखिल स्नेही सहित केंद्र के साथी मौजूद थे। इस दौरान सृजन केंद्र द्वारा आयोजित होने वाली पुस्तक यात्रा तथा शोध संस्थान द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के संदर्भ में चर्चा की गई।

पुस्तक प्रदर्शनी, चयनित विषयों पर परिचर्चा

बैठक में बताया गया कि पुस्तक संस्कृति की अलख जन-जन में जगाने के लिए वनमाली सृजन पीठ एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा एन.बी.टी. नई दिल्ली के सहयोग से पुस्तक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। पुस्तक यात्रा भोपाल से प्रारम्भ होकर प्रदेश के विभिन्न जिलो में भ्रमण करते हुए 12 सितंबर को रतलाम पहुँचेगी। इस यात्रा के दौरान पुस्तक प्रदर्शनी, चयनित विषयों पर परिचर्चा, सृजन केन्द्र के रचनाकारों का पाठ, युवाओं का रचना पाठ, स्कूली विद्यार्थियों हेतु प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ, वनमाली सृजन केन्द्र पर रचनात्मक गतिविधियाँ आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगें।

कार्यक्रम की रूपरेखा हुई निर्धारित

बैठक में पुस्तक यात्रा के दौरान होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित की गई तथा पुस्तक यात्रा के शहर में भ्रमण के साथ विद्यार्थियों से संवाद ,साहित्यकारों का रचना पाठ एवं अन्य विषयों पर कार्यक्रम निर्धारित किया गया। इसके साथ ही डॉ शिवमंगल सिंह सुमन स्मृति शोध संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले सम्मान समारोह के तहत होने वाले कार्यक्रम के रूपरेखा का निर्धारण भी किया गया। बैठक में बताया गया कि इस आयोजन के माध्यम से शहर के अधिक से अधिक संख्या में स्कूली एवं महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को पुस्तक यात्रा के दौरान होने वाली साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों, रचना पाठ आदि प्रतियोगिताओं में सम्मिलित किया जाएगा । इस पुस्तक यात्रा के माध्यम से विद्यार्थी विज्ञान व साहित्यिक पुस्तकों का अवलोकन कर पुस्तक संस्कृति के प्रति प्रेरित होगे। संयोजक शिरीष जोशी ने आभार व्यक्त किया।

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