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फैसला: बैंक ने लौटाया ₹3,00,000 का चेक, कोर्ट ने दिए ₹4,12,500 देने के आदेश

हरमुदा
रतलाम,26 अगस्त। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रियंका मालपानी राठी ने चेक अनादरण के प्रकरण में ग्राम रत्तागडखेड़ा निवासी प्रहलाद सिंह पिता भैरव सिंह राजपूत को दोषी पाया है। उसे परक्राम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के तहत 3 माह के सश्रम कारावास से दंडित करते हुए उधार ली गई राशि के बदले परिवादी को ₹4,12,500 अदा करने के आदेश भी दिए हैं।

एडवोकेट ललित कटारिया ने बताया कि प्रहलाद सिंह के विरुद्ध राजेंद्र नगर रतलाम निवासी दशरथ पिता नंदकिशोर टांक ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। इसमें बताया गया था कि आरोपी प्रहलाद सिंह ने अपनी व्यवसायिक आवश्यकता दर्शाते हुए दशरथ से ₹3,00,000 उधार लिए थे।

जानबूझकर नोटिस नहीं लिए

इस राशि के भुगतान हेतु उसने भारतीय स्टेट बैंक की सिमलावदा शाखा का एक चेक 19 मई 2015 को दिया था। इस चेक को दशरथ ने 2 जून 2015 को पंजाब नेशनल बैंक रतलाम शाखा में जमा किया, तो बैंक ने प्रह्लाद सिंह के खाते में पर्याप्त राशि नहीं होना बताकर चेक लौटा दिया। दशरथ ने इस पर प्रहलाद सिंह को अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा, लेकिन जानबूझकर नोटिस प्राप्त नहीं किया गया। इससे लेने से इंकार लिखकर लिफाफा वापस लौटा दिया गया।

9 फीसद ब्याज भी देने के भी आदेश

आरोपी प्रह्लाद सिंह ने खाते में राशि नहीं होने के बावजूद जानबूझकर चेक प्रदान किया था। इस पर दशरथ ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर राहत दिलाने का आग्रह किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात आरोपी को दोषी पाया और उसे ₹3,00,000 के चेक के बदले 9% ब्याज सहित कुल ₹4,12,500 दशरथ को अदा करने के आदेश दिए। राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को 1 माह का सश्रम कारावास भी भुगतान जाने की आदेश दिए गए हैं। प्रकरण में परिवादी की पैरवी अभिभाषक ललित कटारिया ने की।

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