“वर्ल्ड फिज़ीयोथेरेपी डे”: फिज़ीयोथेरेपी से जटिल रोगों का इलाज संभव : डॉ. चौहान

हरमुद्दा
रतलाम,8 सितंबर। फिज़ीयोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज संभव होता है। भारत में इसके प्रति जागरूकता कम होने से बहुत कम लोग इसका फायदा ले पाते हैं। फिज़ीयोथेरेपी से गठिया, लकवा और स्पाइनल इंजरी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज है। खास बात यह है कि किसी भी प्रकार का साइड इफ्फेक्ट नहीं होता है।

यह बात फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मुकेश चौहान ने बताई। डॉ. चौहान 8 सितंबर “वर्ल्ड फिज़ीयोथेरेपी डे” के अवसर पर रविवार रात को पत्रकार मिलन समारोह में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ फिजिकल थेरेपी ने 8 सितंबर को वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे घोषित किया है। संस्था के सदस्यों ने उत्साह के साथ उत्सव मनाते हुए बधाई व शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारियों ने पत्रकारों का सम्मान भी किया।

लोगों में जागरूकता कमी

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चर्चा में डॉ. चौहान ने बताया कि भारत में फीजियोथेरेपी को ले कर लोगों में जागरूकता की कमी है। हमारी जीवन शैली दिन प्रति दिन तेज होती जा रही है। जिसके लिए हमें आसान और कारगर विधि का प्रयोग जरूरी है। पिछले सालों में हमने कई सफल इलाज किए हैं और भविष्य में फिजियोथेरेपी के प्रचार प्रसार पर भी काम करते रहेंगे।

योग का ही शुद्ध रूप फिजियोथेरेपी

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डॉ. विशाल गनवानी बताया कि हम योग को प्राथमिक चिकित्सा की श्रेणी में ला रहे हैं। जबकि फिजियोथेरेपी योग का ही शुद्ध रूप है। फिजीयोथेरेपी में हम मरीज की मांशपेशियों की गतिविधि समझ उसका इलाज करते है। स्पोर्ट्स पर्सन, सीनियर सिटिज़न और बड़ी चोट का इलाज इस विधि द्वारा बहुत आसानी से किया जाता है।

बढ़ा है कुछ रुझान

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डॉ. सपना बोरीवाल ने बताया कि समय के साथ-साथ लोगों का रुझान फिजियोथेरेपी की तरफ थोड़ा बढ़ा है। हम अपने सेंटर्स पर दुनिया की सबसे उत्कृट मशीनों द्वारा इलाज कर रहे है।

यह थे मौजूद

कार्यक्रम में डॉ. प्रियंका हेराल्ड, डॉ. कविता खंडेलवाल, डॉ. विशाल गनवानी, डॉ. सपना बोरीवाल, डॉ. खुशबु पुंजावत, डॉ. लोकेंद्र चौधरी, डॉ. राम पंवार, डॉ. भूपेंद्र सोढ़ा, डॉ. ईश्वर पाटीदार, डॉ. हितेश पुरोहित, डॉ. वंदना चौधरी, डॉ. प्रियंका शर्मा, डॉ. ऋचा देवड़ा डॉ गायत्री राठौड़ डॉ. विधी तिवारी, डॉ. राहुल सीनम, डॉ. शालिनी गादिया डॉ. प्रियांशी बोबल, डॉ. अज़रा खान, डॉ. भाग्यश्री व्यास, डॉ. नेहा भट्ट, डॉ. रूपल घोटा व अन्य फिजियोथेरेपिस्ट मौजूद थे।

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