हिन्दी मेरे दिल में बसती है और आपके….

 

 

 

 

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हिन्दी मेरे दिल में बसती
है और आपके….
अंग्रेजी का मास्टर हूँ
अंग्रेजी की खाता हूँ!
झूठ नहीं बोलूंगा
अंग्रेजी का ही प्रशिक्षण देने जाता हूँ!

प्रशिक्षण की कक्षाओं में
खूब अंग्रेजी में ही बोलता हूँ!
फर्राटा अंग्रेजी बोलते-बोलते ही
हिन्दी और मालवी के भी पट खोलता हूँ!

ऐसा नहीं है कि हर जगह बेवज़ह अंग्रेजी झाड़ता हूँ
पद, पैसों के अहंकारी को पर, अंग्रेजी से ही फाड़ता हूँ!
अब आप कहोगे-“ओ, हिन्दी के दुश्मन!”
तो पहले सुनो मेरी बात,फिर करो विश्लेषण !

मेरे हस्ताक्षर हिन्दी के “का”अक्षर से ही शुरू होते हैं
आश्चर्य होगा मेरे बच्चे हिन्दी विद्यालय में पढ़ते हैं !
तीन सौ लेख मेरे हिन्दी के अख़बारों ने छापे हैं
हिन्दी में लिखी पुस्तकों ने पुरस्कार नापे हैं

केवल एक दिन नहीं हर रोज़ लेकर चलता हूँ
हिन्दी माँ है मेरी “माँ” को दिल में लेकर चलता हूँ!

बच्चा सोचता है जिस भाषा में,उसी में वह बेहतर सीखेगा
हिन्दी-अंग्रेजी का रट्टू तोता बन वह, अधकचरा दिखेगा!

लो अब हिम्मत है तो,हिन्दी विद्यालय में भर्ती करवाओ
वरना हिन्दी का ढोंगकर, मेरा मुँह मत खुलवाओ!
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✍ कारूलाल जमड़ा

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