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वृद्ध को सकुशल घर वालों से मिलवाया

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हरमुद्दा
रतलाम, 11 नवंबर। तीन बहनों के सबसे बड़े भाई सेवानिवृत्ति के बाद एक दूसरी बहनों के यहां जाते आते रहते थे और इसी कारण घरवालों को मालूम ही नहीं कि वह विगत 15-20 दिन से अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं।काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने बताया कि 108 द्वारा 5 अक्टूबर को हेमंत सिंह पिता मोहन सिंह उम्र 62 वर्ष निवासी सैलाना को आइसोलेशन वार्ड में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था। हेमंत सिंह बोलने व चलने में असमर्थ होने के कारण घर वालों का पता लगाना मुश्किल लग रहा था परंतु अच्छे इलाज और देखभाल से 10 दिन बाद शरीर में जान आ गई । वे सुन नहीं पाते थे इस कारण उनसे पूछे तो जवाब कुछ भी देते थे । कागज और पेन देने पर लड़खड़ाते हाथों से नाम और बोहरे की चाल इतना लिख पाए इसके पूर्व जोर से पूछने पर भी नाम यही बताया था। महू रोड क्षेत्र के समाजसेवी नरेंद्र तिवारी से बोहरे की चाल में जाकर जानकारी एकत्रित करने का बोला। वहां पर दूसरे ही नाम का कोई हेमंत मिला। फिर उन्हें राजपूत समाज के कोई चौहान परिवार हो तो जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा और मेहनत सफल हुई। वहां पर उनकी बहन गायत्री राठौर का घर मिल गया। उन्होंने अस्पताल आकर उनकी पहचान कर ली और बताया यह हमारे बड़े भाई सैलाना में वेयरहाउस में नौकरी करते थे। 2008 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं और मोती बंगला, सैलाना ही रहते हैं । उन्होंने सैलाना संपर्क किया तो मालूम पड़ा कि वह राणापुर बहन धनवंतरी सिसोदिया के घर जाने के लिए 5 अक्टूबर को निकले थे। आज उनका पुत्र रणजीत दोनों बहन, भांजे अशोक एवं आनंद के साथ लेने के लिए आ गए।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर ,स्टाफ नर्स एवं गोलू भाई का सराहनीय योगदान से हेमंत सिंह पिता मोहन सिंह निवासी सैलाना सकुशल अपने घर के लिए रवाना हो गए। जिला अस्पताल से उन्हें 7 दिन की दवा साथ में दी गई।
रणजीत सिंह चौहान, तीनों बहन एवं परिवार सदस्यों ने काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, अस्पताल प्रशासन एवं पुलिस विभाग का सराहनीय कार्य के लिए हृदय से आभार प्रकट किया।

आयुर्वेदिक कॉलेज को देह सौपी : गोविंद काकानी

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रतलाम, 11 नवंबर। जिला प्रशासन की पहल को गति देते हुए लावारिस पुरुष उम्र 50 वर्ष जिसको जावरा से 10 अक्टूबर को भर्ती कराया था। विगत एक माह से वह लकवे के कारण कोमा में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती था।

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी एवं जिला चिकित्सालय अस्पताल चौकी प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि इस दौरान प्रयत्न करने पर भी उसका पता नहीं मिला और इलाज के दौरान मृत्यु हो जाने पर उसकी पार्थिव देह को आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज को विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए दी गई। ज्ञात हो कि रतलाम के दोनों मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए देहदान का यह पुनीत कार्य विगत 2 वर्षों से सतत सभी की सहायता से चल रहा है।

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