साहित्य

⚫ रचनात्मक वातावरण एवं लोगों के बीच स्वस्थ संवाद की परंपरा हरमुद्दारतलाम, 3 दिसंबर। हमारे दौर की संवादहीनता और रचनाशीलता...

यही है जीवन रेगिस्तान में नागफनीतमाम प्रतिकूलता कीपरवाह किए बिनाअपना वजूद खोज लेती है रेत ही रेत चारों तरफऔर बूंद...

⚫ 21वीं सदी में सक्रिय तीन पीढ़ियों के कथाकारों की कहानियों को लेकर 'कथा प्रस्थान'  का हुआ प्रकाशन हरमुद्दारतलाम, 16...

⚫ जनवादी लेखक संघ द्वारा ग़ज़ल की परंपरा पर विचार गोष्ठी आयोजित हरमुद्दारतलाम, 9 अक्टूबर। ग़ज़ल एक साहित्यिक विधा है...

⚫ एक सजीव कार्यक्रम होगा मासिक रूप से ⚫ समयबद्ध कार्यक्रम परंपरा की भी होगी शुरुआत हरमुद्दारतलाम, 7 अक्टूबर। हमारे...