गौरवपूर्ण उपलब्धि : ‘कथा प्रस्थान’ में आशीष दशोत्तर की कहानी  ‘एक चेहरे वाला आदमी’  भी शामिल

⚫ 21वीं सदी में सक्रिय तीन पीढ़ियों के कथाकारों की कहानियों को लेकर ‘कथा प्रस्थान’  का हुआ प्रकाशन

हरमुद्दा
रतलाम, 16 अक्टूबर। आधुनिक हिंदी कहानी के सफर को क़रीब सवा सौ साल होने आए। इस बीच कहानी ने कई मोड़ लिए। कई आंदोलनों से गुज़री। इसमें कई बदलाव आए। इसकी बदलती प्रवृत्तियों को केंद्र में रखकर मूल्यांकन भी हुए। 21वीं सदी में सक्रिय तीन पीढ़ियों के कथाकारों की कहानियों को लेकर ‘कथा प्रस्थान’  का प्रकाशन किया गया है। इसमें शहर के युवा रचनाकार कथाकार आशीष दशोत्तर भी शामिल हैं।

21वीं सदी की कहानियों को केंद्र में रखकर रचे गए इस ग्रंथ में तीन पीढ़ियों के कथाकारों को शामिल किया गया है। आशीष दशोत्तर की कहानी ‘ एक चेहरे वाला आदमी’  इसमें सम्मिलित की गई है।

21वीं सदी के कथाकार का दायरा व्यापक

कथा प्रस्थान’ के संपादक सुप्रसिद्ध कहानीकार सूर्यनाथ सिंह हैं। पुस्तक के ब्लर्व में इस संग्रह की आवश्यकता पर रोशनी डालते हुए कहा गया है कि 21वीं सदी के कथाकार का दायरा व्यापक है। उसने जीवन के बहुत बारीक और अनछुए पक्षों को देखना शुरू किया है। कहानी की पारंपरिक शैली से बाहर निकलकर तमाम विधाओं से गलबहियां करते हुए उसने अपना एक नवीन कथा स्वरूप निर्धारित किया है। कथा की छूट गई शैलियों को आत्मसात किया है । इसी को केंद्र में रखकर इन तीन पीढ़ियों ने मिलकर 21वीं सदी की कहानी का जो रंग और रसायन तैयार किया है वह एक नया क्षितिज रचता है । यहीं से एक नई संभावनाओं का द्वार भी खुलता है।

मानवीय मूल्यों और मनुष्य की संवेदना को झकझोरने वाली है कहानी

श्री दशोत्तर की कहानी मानवीय मूल्यों और मनुष्य की संवेदना को झकझोरने वाली है। इस कहानी को समकालीन कहानियों में नवीन दृष्टिकोण से लिखी गई कहानी कह सकते हैं। कथा प्रस्थान में देश के चालीस महत्वपूर्ण कथाकारों को शामिल किया गया है। पांच सौ पृष्ठों में रचे ग्रंथ में तीन पीढ़ियों के कथाकार अपनी कहानियों के माध्यम से जीवन के दृष्टिकोण को प्रस्तुत कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *