मुद्दा बच्चों को अंडे देने का : सकारात्मक विचार नहीं हुआ तो बाह्मण महिला संगठन करेगी आंदोलन : उपाध्याय
🔳 पौष्टिक आहार में अंडे की जगह बहुत ही शाकाहारी वस्तुएं है, जिन्हें दिया जा सकता : उपाध्याय
🔳 अनेक ब्राह्मण समाज की महिला अध्यक्षों सहित अन्य ने की राज्य सरकार से मांग
हरमुद्दा
रतलाम, 15 नवंबर। स्कूल और आगंनवाड़ी में जो बच्चे आते है वे लगभग शाकाहारी रहते और ना समझ भी। पौष्टिक आहार में बहुत सी वस्तुएं जो हम बच्चों को देते है और देते रहेंगे जैसे मूंगफली, दाने, चना, गुड़, सोयाबीन, खोपरा जो कि सस्ते भी है और पौष्टिक भी है। बच्चों के हित में सकारात्मक विचार नहीं तो बाह्मण महिला संगठन इस मुद्देे को लेकर आंदोलन करेगी।
यह बात सर्व ब्राह्मण संगठन की अध्यक्ष डॉ. संध्या उपाध्याय ने बताते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि बच्चों को अंडा न देते हुए शुद्ध शाकाहारी पौष्टिक आहार की देना उचित होगा।
अनेक ब्राह्मण समाज की महिलाओं ने बताया अंडा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
श्रीमती उपाध्याय के साथ ही सनाठ्य आदिगौड अध्यक्ष सुनीता पाठक, राधा जोशी, प्रथमा कौशिक, औदुम्बर ब्राह्मण महिला अध्यक्ष इन्दु उपाध्याय, इन्दु पाठक, सपना दुबे, गुर्जर गौड़ अध्यक्ष सरिता तिवारी, साधना तिवारी, मौड़ ब्राह्मण की अध्यक्ष नमीता शुक्ला आदि सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को बताया कि ये उन बच्चों के माता-पिता के साथ अन्याय है जो अपने बच्चों को स्वस्थ और शाकाहारी देखना चाहते है।
समाज और धर्म के साथ खिलवाड़ ना हो
सर्व ब्राह्मण महिला संगठन राज्य सरकार से मांग करती है कि पौष्टिक आहार में अंडे की जगह बहुत ही शाकाहारी वस्तुएं है, जिन्हें दिया जा सकता है। जो समाज मांसाहारी नहीं है, उस समाज के बच्चों को आंगनवाड़ी एवं स्कूल भेजने में झिझक नहीं करेंगे। समाज और धर्म के साथ खिलवाड़ ना हो । इसलिए सर्व बाह्मण समाज की विभिन्न महिला समिति पदाधिकारी मांग करती है कि राज्य सरकार इस पर जरूर विचार करें नहीं तो बाह्मण महिला संगठन आंदोलन कर सकती है।