72 की उम्र में आज भी 27 जैसा जोश, जुनून और उत्साह
🔳 एक मुलाकात शाजापुर जिले की अत्यंत लोकप्रिय शख्सियत पुरुषोत्तम चंद्रवंशी से
🔳 हर किसी के सुख-दुख में रहते हैं आगे
हरमुद्दा
शाजापुर 12 दिसंबर। जिंदगी के 72 बसंत पूरे कर चुके हैं लेकिन जोश, जुनून और उत्साह आज भी 27 की उम्र का है। समाज सेवा के लिए आज भी 10 से 12 घंटे तत्पर रहते हैं। इनकी सेवा से प्रभावित होकर बच्चा, बूढ़ा और जवान हर कोई देता है इनको भरपूर सम्मान।
हम बात कर रहे हैं पुरुषोत्तम चंद्रवंशी की। वैसे तो इनका नाता राजनीति से है लेकिन समाज सेवा इनके लिए सर्वोपरि है। जिंदगी के हर मौकों पर इनकी मौजूदगी सामाजिक सरोकार का परिचय देती है।
सक्रियता आज भी बरकरार
वैसे तो भारतीय जनता पार्टी में मिलनसार नेता बहुत कम बचे हैं। जो कि हर किसी के सुख दुख में काम आते हों। पुरुषोत्तम चंद्रवंशी भले ही 72 बरस के हो चुके हों, लेकिन आज भी उनकी सक्रियता बरकरार है। हर किसी के जनम, परण और मरण जैसे अवसरों पर चंद्रवंशी हमेशा मौजूद रहते हैं। इस मामले में वह भेदभाव नहीं करते।
चैक बाजार में बिना नागा 11 घण्टे की मौजूदगी
15 अगस्त 1947 को शाजापुर में जन्में चंद्रवंशी 1985 से 1990 तक विधायक रहे। 1995 से लेकर वर्ष 2000 तक वह स्थानीय नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हर मौसम में शहर के चैक बाजार में सुबह 9 बजे और रात को 8 बजे वह बिना नागा मौजूद रहते हैं। इस दौरान यदि किसी का जनाजा या शवयात्रा जा रही हो तो वह तुरंत उसमें शामिल हो जाते हैं।
धाराप्रवाह बोलने की कला में सिद्धहस्त
भाषणकला में माहिर श्री चंद्रवंशी किसी भी विषय पर धाराप्रवाह बोलने की कला में सिद्धहस्त हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते शहरी विकास के अनेक कार्य कराए। सन 1971 में नपा के पार्षद भी रह चुके हैं। नपाध्यक्ष के कार्यकाल में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सुप्रसिद्ध कवि पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन की जयंती 8 दिसंबर को नपा के माध्यम से मनाने की परंपरा शुरू की, जिसका निर्वहन आज भी हो रहा है। शहरी हो या ग्रामीण प्रत्येक व्यक्ति के हर प्रकार के कार्य करने गहरी रूचि लेते हैं। सादगी, सरलता और व्यवहार कुशलता के धनि से शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो से नाराज हो। श्री चंद्रवंशी शाजापुर जिले की ऐसी शख्सियत है जिनसे सेवा के सबक जीवन में लिए जा सकते हैं।