प्रदेश के आदिवासी देव-स्थलों पर श्रद्धालुओं को मिलेगी खास सुविधाएं

🔳 आस्ठान योजना के तहत होंगे बुनियादी कार्य और मिलेगी सुविधाएं

🔳 सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 10.50 करोड़ रुपए मंजूर

हरमुद्दा
भोपाल, 28 दिसंबर। प्रदेश के आदिवासी देव स्थानों, देवी मंदिरों कुलदेवता के मंदिरों पर श्रद्धालुओं को विशेष सुविधाएं मिलेगी। आस्ठान योजना के अंतर्गत सरकार ने मंदिरों पर सुविधाएं बढ़ाने के लिए 10 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है। एक मंदिर को छोड़कर शेष 19 मंदिरों पर पचास-पचास लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

शासन ने आदिवासियों के 20 देव-स्थलों पर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए कुल 10 करोड़ 50 लाख रुपए मंजूर किए। आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा आस्ठान योजना में स्वीकृत इस राशि से देव-स्थलों पर सामुदायिक भवनों के निर्माण के साथ-साथ पेयजल, स्नानागार और विद्युत व्यवस्था जैसे बुनियादी कार्य भी पूर्ण किए जाएंगे।

आदिवासी देव-स्थल बंजारी बड़ौदा में होंगे एक करोड़ खर्च

डिण्डोरी जिले में आदिवासी देव-स्थल बंजारी बड़ौदा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। शेष 19 देव-स्थलों के लिए 50-50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

झाबुआ जिले में बड़ादेव मन्दिर के लिए 50 लाख

आस्ठान योजना में छिन्दवाड़ा जिले में आदिवासी देव-स्थल हरियागढ़ किला, झाबुआ जिले में बड़ादेव, बड़वानी जिले में भवगरगढ़ किला और श्योपुर जिले में माता मंदिर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपए की प्रशासकीय मंजूरी दी गई है।

मंडला जिले के 10 आदिवासी मंदिरों के लिए 50-50 लाख स्वीकृत

मंडला जिले में 10 आदिवासी देव-स्थल जयबड़ादेव, खैरमाई मन्दिर, हरदुला छितलामाई, चौगान, बड़ादेव, बड़ादेव-ठाना, बड़ेदेव-चबूतरा, सिद्ध टेकरी, माता मंदिर और काली मंदिर के लिये 50-50 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।

डिंडोरी जिले के सात देव स्थल शामिल

डिण्डोरी जिले में 7 आदिवासी देव-स्थल बंजारी बड़ौदा, घोड़ीसूखी देव, बाबागढ़ी, करवे मट्ठा, बरखेड़ा, सिद्धबाबा, रानीबघेलिन, माईकाठान में सामुदायिक भवन निर्माण के लिये मंजूरी दी गई है।

पर्याप्त राशि का है प्रावधान

आस्ठान योजना के अंतर्गत आदिवासी समुदायों के कुल देवता और ग्रामीण देवी-देवस्थानों के पर निर्मित देवगढ़ी, मढ़िया, देवठान के निर्माण और जीर्णोद्धार तथा इन स्थानों पर आने वाले श्रृद्धालुओं के विश्राम भवन निर्माण के लिए इस वर्ष के विभागीय बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है।

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