शीतल तीर्थ नैतिक मूल्यों के विकास तथा जन-जन की आस्था का बनेगा केंद्र : कलेक्टर

🔲 धार्मिक उल्लास के साथ मनाया आचार्य श्री का 60 वां भव्य जन्म महोत्सव

हरमुद्दा
रतलाम, 17 फरवरी। मैंने अपने जिले में तीर्थ स्थल की प्रशंसा बहुत सुनी है परंतु आने का अवसर प्रथम बार प्राप्त हुआ है। मुझे यहां आकर बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा मिली है। इस क्षेत्र के विकास में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करूंगी। मुझे आशा है यह तीर्थ नैतिक मूल्यों के विकास तथा जन-जन की आस्था का केंद्र बनेगा।

यह विचार कलेक्टर रुचिका चौहान ने शीतल तीर्थ में आयोजित महोत्सव में व्यक्त किए। समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर रुचिका चौहान व पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी रहें।

इनका रहा सान्निध्य

IMG_20200217_202812

प. पू. आचार्य श्री 108 आदि सागर जी महाराज (अंकलीकर) के तृतीय पट्टाधीश परम पूज्य तपस्वी सम्राट आचार्य श्री 108 श्री सन्मति सागर जी म.सा. के पट्टाधीश प्रज्ञा पुरुषोत्तम संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 श्री योगींद्र सागर जी महाराज का 60 वां जन्म महोत्सव 17 फरवरी सोमवार को उनकी ही प्रेरणा से निर्मित नवोदित श्री दिगंबर जैन धर्मस्थल शीतल तीर्थ, बांसवाड़ा रोड, रतलाम म.प्र. 108 श्री युक्ति नाथ जी महाराज आर्यिका 105 श्री युक्तिमति माताजी के सान्निध्य में मनाया गया।

पुलिस प्रशासन की ओर से रहेगा पूर्ण सहयोग : पुलिस अधीक्षक

श्री तिवारी ने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि आचार्य जी की जनकल्याण एवं वात्सल्य की प्रशंसा की। अगले वर्ष इस क्षेत्र में होने वाले बड़े विशाल आयोजन में अपनी ओर से तथा पुलिस प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा

60 कलशों द्वारा किया अभिषेक

विधानाचार्य पं. नितिन शास्त्री भीमपुर राजस्थान सुबह 8 बजे श्री जी का पंचामृत अभिषेक पूजन रहा। आ. श्री योगेंद्र सागर जी प्रतिमा का 60 कलशों द्वारा अभिषेक किया। सकल कार्य सिद्धि दायक ऋषि मंडल पूजन विधान रहा।

पुस्तक का हुआ विमोचन

IMG_20200217_202742

11 बजे गुणानुवाद सभा एवं आचार्य श्री योगेंद्र सागर जी महाराज की पूजा आचार्य श्री द्वारा रचित श्री क्षेत्रपाल पूजन विधान पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता तीर्थ अध्यक्ष मदनलाल हुमड बड़ौदा ने की। पुस्तक प्रकाशन का सौजन्य डूंगरपुर के कोटडिया परिवार को प्राप्त हुआ।

किया विशेष सम्मान

IMG_20200217_202826

इस अवसर पर इंदौर से पधारे जैन दर्शन के मूलधन विद्वान डॉ अनुपम जैन तथा कोटा के युवा विद्वान राकेश जैन का विशेष सम्मान किया गया। अरुण तिवारी व श्रीमती तिवारी का भी शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया, वह भी पहली बार आए और उन्हें अच्छा लगा। संचालन सुनील जैन ने किया। संस्था का विस्तृत परिचय देते हुए आभार प्रदर्शन डॉ. सविता जैन ने माना।

छाया : शुभ दशोत्तर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *