मंथन से हुई अग्नि प्रज्वलित तो लगे जयकारे, श्री विरुपाक्ष महादेव मंदिर में 77 वां महारुद्र यज्ञ शुरू

🔲 पुत्र की प्राप्ति पर किया दान

हरमुद्दा
रतलाम, 19 फरवरी। बुधवार को अति प्राचीन श्री विरुपाक्ष महादेव मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंथन शुरू किया तो कुछ ही समय में अग्नि प्रज्वलित हुई और उपस्थितों ने अग्नि देवता के जयकारे लगाए। इसी के साथ 77 वें पांच दिवसीय महारुद्र यज्ञ की शुरुआत हुई।

विरुपाक्ष महादेव मंदिर में बुधवार को दोपहर अभिजीत मुहूर्त में 12 बजे यज्ञ आचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा वैदिक मंत्रोच्चार कर रहे थे। भक्तजन अग्नि मंथन से मंथन कर रहे थे। कुछ समय पश्चात ही धुआं निकलने लगा और अग्नि प्रज्वलित हुई। अग्नि प्रज्वलित होते ही अग्नि देवता और यज्ञ नारायण के जयकारे भक्तों ने लगाए। इस दौरान भूदेव नंदलाल पाठक, महेश ओझा, मनीष ओझा, प्रवीण शर्मा सहित यज्ञ के मुख्य यजमान श्री विरुपाक्ष महादेव के पुजारी कमलेश तिवारी दंपत्ति, ग्रामीण जन तथा धर्मालु मौजूद थे।

धर्मालुओं से आह्वान

अध्यक्ष एवं सकल पंच श्री विरुपाक्ष महारुद्र मेला कमेटी
ने बताया 21 फरवरी को महाशिवरात्रि उत्सव पर भगवान विरुपाक्ष महादेव की शाही सवारी रात्रि 8:00 निकाली जाएगी। 23 फरवरी रविवार अमावस्या को 10:00 बजे पूर्णाहुति होगी और गंगाजल यात्रा निकलेगी।
महारुद्र यज्ञ के दौरान धार्मिक रामलीला होगी। मेले का आयोजन भी होता है। मेला कमेटी के बिलपांक ने समस्त धर्मावलंबियों से धार्मिक आयोजन में शामिल होने का आह्वान किया है।

मन्नत पूरी होने वाले भी थे मौजूद

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उल्लेखनीय है कि महारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति के पश्चात पुत्र की अभिलाषा रखने वाली महिलाओं को खीर की प्रसादी का वितरण किया जाता है। जिन को पुत्र की प्राप्ति हुई वे सपरिवार मौजूद थे। उन्होंने बच्चे के बराबर सामग्री तोल कर दान की।

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