प्रदेशभर में नए साल से नहीं मिला उन्हें अब तक वेतन, बैंक मान रही उन कर्मचारियों को डिफाल्टर

🔲 मामला आदिवासी विकास विभाग के खेल परिसरों का

🔲 खेल शिक्षक व कोच परेशान

🔲 घर गृहस्थी चलाने में आ रही दिक्कत

हरमुद्दा
रतलाम, 12 मार्च। प्रदेश के उन लोगों को नए साल में अब तक वेतन नहीं मिला है जो आदिवासी विकास विभाग के खेल परिसरों में कार्यरत हैं। नतीजतन खेल शिक्षक और कोच परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। उनको घर गृहस्थी चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि बैंकों ने उन्हें डिफाल्टर मान रही है।

आदिवासी विकास विभाग के प्रदेशभर में खेल परिसर संचालित हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खास बात यह है कि खेल परिसर में कार्यरत खेल शिक्षक एवं कोच को दिसंबर 2019 के बाद से अब तक वेतन नहीं मिला है। नए साल से वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समाज में इनका व्यवहार खराब हो रहा है। लेकिन आर्थिक रूप से परेशान। खेल शिक्षक और कोच को इस मामले में विभाग कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहा है।

ऋण आवास की किश्त नहीं हो रही जमा

उल्लेखनीय है कि अधिकांश खेल शिक्षकों ने बैंकों से ऋण लेकर अपने आवास बनाए हैं, लेकिन हर महीने बैंक में आवास ऋण की किश्त जमा कराने में असमर्थ हो रहे हैं। इसके चलते ऐसे तमाम खेल शिक्षक और कोच को बैंक डिफाल्टर मान रही है। उनकी छवि खराब हो रही है।

बजट की समस्या

खेल परिसर के खेल शिक्षकों एवं कोच को वेतन नहीं मिलने की समस्या बजट के कारण आ रही है। जैसे ही बजट मिलता है, उन्हें भी वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।

🔲 आरएस परिहार, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, रतलाम

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