यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे : कैलाश चावला

🔲 भाजपा के पूर्व मंत्री ने प्रशासन को किया कटघरे में खड़ा

🔲 असमंजस पर चिंता जताई

हरमुद्दा
मंदसौर, 16 अप्रैल। मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई।

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एक बयान में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। और यह बात विभिन्न सूत्रो से सामने आई कि जिनके सैंपल लिए गए वे खुले घूम रहे हैं, उन्हें क्वारेंटाइन नहीं किया गया है।

जिम्मेदारों के पास जवाब नहीं

जिम्मेदार लोगों के पास इसका कोई जबाब नहीं है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगों को सैंपल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिए क्यो छोड़ दिया गया।

अक्षम्य में लापरवाही ने मंदसौर को डाला संकट में

एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन-जिन के संपर्क मे आए होंगे, उनको प्रभावित किए जाने कि संभावनाएं बलवती है। इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है।

गैर जिम्मेदारों के विरुद्ध हो कार्रवाई

अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे क्वारेंटाइन किया जाए तथा उनके सैंपल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्रवाई हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो। अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।

लैब का व्यवहार आपराधिक कृत्य

इस घटना क्रम में एक अजीब, नाटकीय और गैर जिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सूचित किया जाता है कि जो पूर्व में 6 लोगों को पॉजिटिव होना पाया गया है। उनमें से 2 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव है। ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यवहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नहीं माना जाना चाहिए।

13 अप्रैल की रिपोर्ट क्यों आई 15 अप्रैल को

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श्री चावला ने कहा कि जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई। इसकी जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिए। मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिए अथवा संबंधित लोगो जिनकी रिपोर्ट गलत दी गई है, उन्हे लैब के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के लिए आगे आना चाहिए।

संक्रमितों के संपर्क में आने वालों से आह्वान

श्री चावला ने कहा कि मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हूं कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगों के संपर्क में आए है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच कराएं ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिए अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखें। उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।

सावधानी से हराना होगा कोरोना को

किंतु इसके बावजूद इस घटना से भयभीत नहीं होना है। अधिक सावधान और सतर्क रहने कि आवश्यकता है कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है। शासन के निर्देशों का पालन करें घर में रहिए सुरक्षित रहिए।

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