प्रतापगढ राजस्थान पुलिस का कारनामा: नकली शराब की दो बड़ी खेप में बड़ी डिलिंग! लिस्ट बनाकर शराब तस्करों से कर रही है पुलिस सेटिंग
🔲 अब तक आधा दर्जन आरोपियों से पैसे लेकर निकाले नाम
🔲 एमपी और राजस्थान में जमकर वसूली
नीमच/प्रतापगढ़/मंदसौर, 19 अप्रैल। प्रतापगढ थाने के सीआई मोहनलाल खटिक और जांचअधिकारी एएसआई रमेशचंद्र सेन अवैध और नकली शराब के मामले में जमकर तोड़बट्टा कर रहे है। शराब तस्करी और नकली शराब बनाने के कारोबार में लिप्त लोगों को आरोपी न बनाकर उनसे मोटी रकम ले रहे हैं। नकली शराब बनाने से लेकर सप्लाई तक में दो दर्जन से अधिक आरोपी शामिल है। एक-एक कर सीआई और उनकी टीम पैसा लेकर आरोपियों के नाम निकाले जा रहे हैं। इस मामले में सिर्फ तीन आरोपी बनाए गए है, इसमें दो व्यक्ति मौके पर पकडाए थे और एक बाद में पकड़ा। तोड़बट्टा कर नाम निकालने के अलावा पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है। बस एक सूत्रिय कार्यक्रम चला रखा है गांधीजी दो और नाम निकलवाओ।
लॉक डाउन के दौरान प्रतापगढ थाने के सीआई मोहनलाल खटिक और उनकी टीम ने अवैध और नकली शराब की दो बड़ी खेप पकड़ी थी। सोहनपुर गांव के भागीरथ कुमावत के घर पर 30 मार्च को दबिश देकर 160 पेटी देशी और 10 पेटी विदेशी शराब और एक ड्रम स्प्रीट का जब्त किया था। स्प्रीट से देशी—विदेशी शराब बनाने का गौरखधंधा भागीरथ कुमावत और गिरोह में शामिल अन्य तस्कर कर रहे थे। कुछ दिनों बाद पुलिस ने 91 पेटी बनी हुई नकली देशी शराब भागीरथ कुमावत के कुएं से जब्त की थी। गोलू शर्मा निवासी खटपट जिला बूंदी और महेश कलाल को गिरफ्तार किया था। महेश चौधरी कलाल पिपलियामंडी टोल नाके की एम्बूलेंस चलाता था, साथ ही टोल टैक्स के पास स्थित महामाया ढाबा के संचालन में लोकेंद्रसिंह निवासी बरखेड़ा जयसिंह का पाटर्नर भी है। एम्बूलेंस के माध्यम से महेश कलाल स्प्रीट से बनाई गई नकली शराब लाता था और लोकेंद्रसिंह के साथ मिलकर महामाया ढाबे से उक्त नकली शराब की सप्लाई मंदसौर एवं नीमच जिले में की जाती थी। नकली शराब कांड में एक दर्जन से अधिक शराब तस्करों की लिस्ट प्रतापगढ पुलिस थाने के सीआई मोहनलाल खटिक और जांचकर्ता अधिकारी श्री सेन ने तैयार की है, जो मंदसौर, प्रतापगढ और चित्तोडगढ जिले में घूम रहे है और पैसा लेकर नाम निकाल रहे है। पहले जांच के नाम पर थाने में तस्करों के दलालों को बुलाया जाता है और उसके बाद पैसा लेकर उनका नाम निकाल दिया जाता है। दो शराब की बडी खेप के मामले में प्रतापगढ थाने के दोनों अधिकारी खोखे में खेल रहे है।
एसपी स्पेशल जांच कमेटी बैठाकर फिर से आरोपियों को रिमांड पर लें तो खुलेंगे कई राज
नकली शराबकांड की जांच प्रतापगढ थाने की ही पुलिस कर रही है। आरोपी एक तो नकली शराब बनाते थे और उसकी अवैध रूप से बड़े पैमाने पर सप्लाई भी करते थे। एमपी और राजस्थान के कई जिलों में इनके तार जुड़े हुए है और लंबे समय से गौरखधंधा संचालित कर रहे थे। प्रतापगढ़ पुलिस जांच के नाम पर सिर्फ पैसा वसूली कर रही है। आरोपी भागीरथ कुमावत और महेश कलाल को रिमांड पर लिया गया था। सूत्र बताते हैं कि इन्होंने कई तस्करों के नाम बताए, मॉल कहां से आता था, रास्ते में कौन-कौन से ढाबे में सप्लाई होता था। इनकी वसूली के लिए लिस्ट बनाई, वसूली का काम बदस्तूर जारी है।
हो सकता है भंडाफोड़
एसपी पूजा अलावा द्वारा अगर स्पेशल टीम गठित कर शराबकांड की ईमानदार अधिकारियों से जांच करवाई जाए और आरोपियों को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाए तो पूरे मामले का भंडाफोड़ आसानी से हो सकता है। नकली शराब के कारोबार में लिप्त सरगना भी सलाखों के पीछे पहुंच सकते है।
इनसे मौटी रकम लेकर नाम निकाले, पहले दबिश, फिर शराब तस्करों के दलालों के मार्फत सेटिंग
🔲 लोकेंद्रसिंह बरखेडा जयसिंह का रहने वाला है और मंदसौर जिले में नामी शराब तस्कर है। पिपलियामंडी टोल टैक्स के समीप महामाया ढाबे का संचालन करता है। मंदसौर जिले में एक शैतान तस्कर के रूप में यह कुख्यात है। वह शराब का रैकेट वाट्सअप कालिंग के जरिए चलाता था, इसके सबूत भी पुलिस के हाथ लगे है। ढाबे की शुरुआत से ही यह महेश कलाल का पार्टनर है। एक अधिकारी के माध्यम से लोकेंद्र ने नाम निकलवाया।
🔲 परमिंदरसिंह निवासी लसुडिया राठौर भी भागीरथ कुमावत से नकली शराब लेता था और आसपास के क्षेत्र में यह उक्त शराब की सप्लाई करता था, जांच में इसका नाम सामने आया, लेकिन बाद में गायब कर दिया।
🔲 आशीष कराडा और मारूति ढाबा संचालक सईद के बेटे का भी निकाल किया। नकली शराब कांड में पिपलियामंडी निवासी आशीष कराडा और चल्दू पुलिया के पास स्थित मारूति ढाबा के संचालक सईद के बेटे की भी भूमिका संलिप्त बताई गई है। प्रतापगढ पुलिस ने दोनों को सूचना दी गई और तोड़बट्टा कर निकाल कर दिया।
कौन उपलब्ध करवाते थे स्प्रीट और नकली शराब को असली बनाने की सामग्री?
एमपी-राजस्थान में लंबे समय से फल-फूल रहे नकली शराब बनाने के गौरखधंधे में एमपी में देशी शराब बनाने वाली शराब फैक्टरी के कर्ताधर्ताओं की भी मिलीभगत सामने आई है। ढेरो की संख्या में होलोग्राम, कार्टून, ढक्कन, लैबल और स्टीकर, बारदान जब्त हुए है। शराब फैक्टरी के मालिक भी इस गौरखधंधे में लिप्त् है। आरोपियों पर होलोग्राम संबंधित धारा भी नहीं लगाई है। रिमांड के दौरान आरोपियों ने पुलिस को सबकुछ जानकारी दे दी थी, जैसे किन-किन को गई गई नकली शराब की सप्लाई, कौन-कौन थे शामिल, होलोग्राम किसने उपलब्ध करवाए। उन्हें पकड़ने की बजाय वसूली अभियान छेड़ रखा है।
मामले की बारीकी से होगी जांच
प्रतापगढ पुलिस ने नकली शराब की खेप पकडी थी। इस मामले में लेन-देन कर आरोपियों के नाम निकाले जा रहे है तो बिल्कुल गलत बात है, इस मामले की बारीकी से जांच होगी।
🔲 पूजा अलावा, पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़, राजस्थान
दिखवाती हूं मामले को
इस मामले की जानकारी आपने दी है, मैं मामले को दिखवाती हूंं।
🔲 विनीता ठाकुर, आईजी, उदयपुर रेंज