वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे कोरोना की मृत्युदर में हम दिल्ली से भी आगे ! -

🔲 पड़ोसी नीमच हो या हॉट स्पॉट इंदौर, भोपाल, उज्जैन, मौतों के प्रतिशत में मंदसौर से पीछे

🔲 देश और राज्य की टोटल डेथरेट से मंदसौर काफी आगे

🔲 महेंद्र जैन
मंदसौर, 13 जून। कोरोना पॉजीटिव मामलों में मंदसौर सबसे नीचे की पायदान पर खड़ा है। मात्र 3 एक्टिव केस का आंकड़ा सबको खुश जरूर कर रहा है, लेकिन एक संख्या ऐसी भी है, जो डराने वाली है। कोरोना से मौत की दर के लिहाज से हमारा जिला देश और राज्य दोनों को पीछे छोड़ रहा है। यहां तक कि मध्यप्रदेश के तीन हॉट स्पॉट जिले इंदौर, भोपाल और उज्जैन से ज्यादा मृत्युदर हमारे जिले की है। ताज्जुब यह भी है कि मौतों के प्रतिशत में दिल्ली भी मंदसौर से काफी पीछे है।
पिछले ढाई महिनों से कोविड 19 के कहर ने कोहराम मचा रखा है। मंदसौर में इस दौरान एक समय ऐसा था, जब एक साथ 12 से 15 जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई। एक समय 50 से ज्यादा एक्टिव केस एक साथ भी रहे। इनमें से अधिकांश एसिमटोमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीज ही थे, लेकिन कुछ को गंभीर स्थिति की वजह से इंदौर भी रेफर करना पड़ा।

इस लिहाज से जरूर संतोष

कोरोना पॉजीटिव मामलों का यह आंकड़ा 95 पर जाकर अब थमता हुआ लग रहा है। पिछले कुछ दिनों से पॉजीटिव केस आने लगभग बंद हो गए हैं। उधर अधिकांश मरीज ठीक होकर घर पहुंच गए। आज की तारीख में जिले के मात्र 3 एक्टिव केस हैं, जिसमें 1 इंदौर में उपचाररत है तो 2 मंदसौर में अपनी निगेटिव रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पॉजीटिव रिपोर्ट और एक्टिव केस के लिहाज से आज की स्थिति संतोष देने वाली जरूर लग रही है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन ढाई महीनों में कोविड 19 से मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंची है। इनमें से कुछ लोगों के सेंपल तो मृत्यु उपरांत भी लिए गए थे। हालांकि काफी समय से मृतकों के सेंपल लेना बंद कर दिया गया है।

कोरोना से मौत की दर साढ़े 9 प्रतिशत

मंदसौर जिले में कोविड 19 के शिकार होकर परलोक सिधारने वालों की दर लगभग साढ़े 9 प्रतिशत है। 95 पॉजीटिव केस में 9 मौत की यह दर चिन्ताजनक है। मध्यप्रदेश के हॉट स्पॉट इंदौर, उज्जैन और भोपाल में कोरोना की मृत्युदर मंदसौर से काफी कम है। इंदौर में 3881 पॉजीटिव केस में से 161 की जान गई। मौत की दर रही 4.14 प्रतिशत। उज्जैन में 745 पॉजीटिव में से 64 की मृत्यु हो गई। मृत्युदर रही 8.59 प्रतिशत। राजधानी भोपाल में 1927 पॉजीटिव मामलों में से मात्र 66 के प्राण गए। मृत्युदर रही 3.42 प्रतिशत। पड़ोसी नीमच जिले में 353 पॉजिटिव केस में से मात्र 5 की मौत हुई। प्रतिशत 1.41 हुआ ।

देश और प्रदेश को भी पीछे छोड़ा

कोरोना से मौत के प्रतिशत में मंदसौर ने देश और प्रदेश को भी पीछे छोड़ दिया है। 10 जून की स्थिति में जहां देश में कुल 2 लाख 98 हजार केस में से 8498 की मौत हुई। मौत की दर रही 2.85 प्रतिशत। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में कोरोना से मौत की दर 4.20 प्रतिशत ही रही। यहां 10 जून की स्थिति में 10 हजार 241 पॉजीटिव केस दर्ज हुए, जिसमें से 431 की मौत हुई। यहां तक कि कोरोना के लिहाज से सबसे बुरे हालात दिल्ली के हैं। देश की राजधानी में भी इस बीमारी की मृत्युदर 3.12 ही है। 10 जून तक दिल्ली में 34 हजार 687 पॉजिटिव में से 1085 की मौत हुई।

कम टेस्टिंग बड़ी वजह

जानकार मानते हैं कि मंदसौर जिले मेें कोरोना से मरने वालों का प्रतिशत इसलिए ज्यादा हैं कि यहां टेस्टिंग कम हुई। लगभग ढाई माह में 2100 लोगों के सैंपल लिए गए। यदि यह आंकडा 4 हजार होता तो कुछ पॉजीटिव केस बढने के बावजूद मौत का प्रतिशत कम होता। कोविड 19 टेस्ट के लिए मंदसौर जिला शुरुआत में इंदौर और भोपाल की लेब पर ही निर्भर था। बाद में रतलाम मेडिकल कॉलेज में भी यह जांच होने लगी। अब कुछ ही समय में मंदसौर में भी लेब काम करना शुरू कर देगी।

टेस्टिंग को लेकर मंदसौर नहीं दिखा पाया उत्साह

दिक्कत की बात यह है कि मंदसौर में प्रशासन ज्यादा टेस्टिंग को लेकर कभी उत्साह नहीं दिखा पाया। आरोप तो यह भी लगते रहे कि आंकड़े दुरूस्त करने के लिए सेंपलिंग की प्रक्रिया धीमी कर दी गई। यह स्थिति आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकती है।

फीवर क्लिनिक पर पूरा फोकस

कोविड के 4 सैंपल तो मृत्यु के बाद ही लिए गए थे, इसलिए मंदसौर की मृत्यु दर अधिक आ रहीं है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी है। फीवर क्लिनिक पर पूरा फोकस है। बड़े पैमाने पर भीड़ वाली जगहों पर सेम्पलिंग की जा रही है। प्रतिदिन 100 सैंपल लिए जा रहे हैं। लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
🔲 मनोज पुष्प, कलेक्टर

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