अति आवश्यक प्रकरणों को छोड़कर अन्य प्रकरणों की कार्रवाई की जाए स्थगित
🔲 जिला अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन
🔲 कोरोना संक्रमण की महामारी से हो सकते हैं सभी प्रभावित
हरमुद्दा
रतलाम, 17 जून। कोरोना संक्रमण की महामारी के दौर में न्यायालय एवं सभी अधीनस्थ न्यायालय में अति आवश्यक प्रकरणों को छोड़कर अन्य प्रकरण की कार्रवाई स्थगित की जाए। अन्यथा संक्रमण बढ़ने में देर नहीं लगेगी। वैसे भी निरंतर संक्रमित लोगों के आने से संख्या बढ़ रही है।
इस आशय की जानकारी देते हुए जिला अभिभाषक संघ ने कलेक्टर रुचिका चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा। एडीएम जमुना भिड़े को सौपे गए ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर के अधीनस्थ तहसीलदार एवं एसडीएम कार्यालय में साक्ष्य अंकित करवाई जा रही है। साक्ष्यों को सम्मन जारी कर कथन के लिए बुलाया जा रहा है।
नहीं हो पा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वैश्विक महामारी के चलते कोरोना संक्रमण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाना अनिवार्य है ताकि कोई भी व्यक्ति संक्रमित ना हो। ऐसी स्थिति में तहसील कार्यालय एवं एसडीएम न्यायालय में साक्ष्य अंकित करवाई जा रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले गवाह और अधिवक्ता को नियमित रूप से आकर प्रकरण की पैरवी करने न्यायालय में उपस्थित होकर साक्ष्य अंकित करवाना पढ़ रही है। इस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रह पा रही है। क्योंकि डिस्टेंसिंग की दूरी 6 फीट एवं मास्क लगाना अनिवार्य है। जिले में नियमित संक्रमित लोगों की वृद्धि हो रही है।
ताकि नहीं हो कोई संक्रमित
ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि जब तक महामारी संकट समाप्त नहीं हो जाता है या उच्च न्यायालय से निर्धारित मापदंडों के आधार पर प्रकरण में अग्रिम आदेश नहीं दिए जाते हैं, तब तक साक्ष्य अंकित करने की कार्रवाई को स्थगित रखा जाए अन्यथा बीमारी से अभिभाषक, पक्षकार, अधिकारी, कर्मचारी ग्रसित हो सकते हैं।
यह थे मौजूद
ज्ञापन देने के दौरान अभिभाषक संघ के अध्यक्ष दशरथ पाटीदार, उपाध्यक्ष राजीव उबी, सचिव प्रकाश राव पवार, अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश मजावदिया, एडवोकेट सुनील पारिख, चेतन केलवा, प्रवीण शर्मा आदि मौजूद थे।