वृक्षों की छटाई कर लकड़ी दी जाए मुक्तिधाम में में
🔲 पर्यावरणविद डॉ. खुशाल सिंह पुरोहित ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
🔲 बारिश में होते हैं पेड़ धराशाई
🔲 हो जाती है जनहानि
🔲 दिया समय रहते ध्यान तो बच जाएंगे जन-धन
हरमुद्दा
रतलाम, 21 जून। प्रदेशभर के शहरी, ग्रामीण एवं आवासीय क्षेत्र सहित अन्य स्थानों के बड़े-बड़े वृक्षों की समय रहते छटाई कर लकड़ियों को मुक्तिधाम में भेजा जाए। इससे बारिश के दौरान होने वाली घटना दुर्घटना से जन-धन की हानि से बचा जाएगा, वहीं वृक्ष भी धरती पर मौजूद रहेंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस आशय का पत्र पर्यावरणविद डॉ. खुशाल सिंह पुरोहित ने लिखा है।
बारिश में होती है अनहोनी घटनाएं
डॉ. पुरोहित ने पत्र में लिखा कि देश में प्रतिवर्ष बरसात में आंधी तूफ़ान में वृक्ष गिरने की कई घटनाएँ होती है, जिनमे कभी कभी जनहानि भी हो जाती है।
इस कारण नहीं देते आमजन ध्यान, आड़े आता कानून
इसके दो बड़े कारण है एक तो पर्यावरण चेतना और कानून के डर से शहरों तथा गाँवों में स्थित वृक्षों की छंटाई करने में जनसामान्य संकोच करते है। इसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि नियमित छंटाई के अभाव में ज्यादातर पेड़ों का डीलडौल बैडोल हो रहा है। इसका दूसरा कारण यह है की पुराने पेड़ों की उपेक्षा हो रही है, देख-रेख के अभाव में उनकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं, धीरे धीरे यह पेड़ अपने अस्तित्व की रक्षा में असमर्थ होकर असमय गिर जाते हैं। किसी बड़े पेड़ का गिरना हमेशा बड़ी दुर्घटना का कारण बनता है।
चलाया जाए विशेष अभियान, बचाएं वृक्ष और आमजन की जान
डॉ. पुरोहित ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि पूरे प्रदेश में नगरीय व ग्रामीण सीमा में आवासीय क्षेत्रों मे स्थित विशाल वृक्षों को चिह्नित कर विशेष अभियान के तहत इन पेड़ों की छंटाई की प्रक्रिया में प्राप्त हजारों क्विंटल लकड़ी स्थानीय मुक्तिधाम को दी जा सकती है। यह कार्य शीघ्र सम्पन्न हो जाएगा तो इस वर्ष प्रदेश में बरसात के दौरान पेड़ गिरने से होने वाली जनहानि से बचा जा सकेगा।