विवाह के 2 साल बाद ही मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी रगीना की
🔲 क्षेत्र के लोगों ने किया फोन और दी जानकारी
🔲 रगीना को घरवालों को सौंपा : समाजसेवी गोविंद काकानी
हरमुद्दा
रतलाम, 15 जुलाई। चार दिन तक सैलाना बस स्टैंड पर रोती हुई रगीना को आखिर घर वालों को खोज कर सौंपा गया।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने हरमुद्दा बताया कि सैलाना बस स्टैंड व्यापारी भाई भंवर सेठ एवं शैलेंद्र जाट ने मोबाइल फोन पर बताया कि 30 साल की महिला रोते हुए उनकी दुकान के बाहर तीन-चार दिन से पड़ी हुई है। उसे घर पहुंचाने में मदद करें।
रात को हुई बुआ से बात
तत्काल सैलाना बस स्टैंड पहुंचकर बच्ची जैसी दिखने वाली महिला रगीना से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम व बांसवाड़ा बुआ के घर का पता बताया। उस अनुसार दो बत्ती थाने पहुंचकर बांसवाड़ा कंट्रोल रूम के नंबर पर उक्त जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने क्षेत्र के पुलिस जवान सुरेश यादव को उसकी बुआ के घर पर रात्रि 10 बजे भेजा और बुआ से बात करवाई। बुआ लवीना ने उसके घर वालों को खबर पहुंचाई।
खाने के अभाव में हो गई थी हालत खराब
तीन-चार दिन से भोजन नहीं करने का कारण महिला की हालत बहुत खराब थी साथ ही पैर में फोड़ा होने से चलने में भी असमर्थ होने पर उसे रिक्शा से रेलवे के यूनियन लीडर मनोहर पचोरी की मदद से जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया और उसका इलाज शुरू किया गया।
परिजन आए और उसे ले गए अपने घर
बुधवार दोपहर उसको लेने घर से बड़े पिताजी दाऊद निनामा, भाई रविंद्र, अनिल, जीजा महेंद्र पांडा , भाभी लवीना, गांव के सरपंच रोशन मईडा के साथ रतलाम जिला चिकित्सालय पहुंचे।
विवाह के 2 वर्ष बाद ही बिगड़ गई मानसिक स्थिति
भाई रविंद्र ने जानकारी देते हुए बताया रगीना का विवाह 10 वर्ष पूर्व सुभाष बारिया निवासी शिवपुरा जिला बांसवाड़ा से किया। इसका एक पुत्र प्रिंस 8 वर्ष का है। विवाह के 2 वर्ष बाद इसकी मानसिक हालत ठीक नहीं होने के कारण इलाज भी शुरू किया था।
सभी के प्रति जताया आभार परिजनों ने
रगीना को सकुशल घर वालों को सौंपने एवं घर पहुंचने पर परिजनों ने काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव श्री काकानी, जिला चिकित्सालय अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ, रतलाम जिला पुलिस प्रशासन एवं सहयोगकर्ता समाजसेवियों का ह्रदय से आभार प्रकट किया।