म.प्र. सरकार बालकों के विरूद्ध हो रहे लैंगिक शोषण के अपराधियों को नहीं बख्शेगी : गृहमंत्री
🔲 अभियोजन विभाग की पुस्तक ‘’पॉक्सो एक्ट – अन्वेषण एवं विचारण’’ का हुआ विमोचन
हरमुद्दा
भोपाल, 20 अगस्त। म.प्र. लोक अभियोजन द्वारा गुरुवार को राजधानी भोपाल में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ‘’पॉक्सो एक्ट – अनुसंधान एवं विचारण’’ विषय पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन डॉ. राजेश कुमार राजोरा, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में म.प्र. लोक अभियोजन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. पुरुषोत्तम शर्मा एवं म.प्र. राज्य समन्वयक पॉक्सो एक्ट/ एडीपीओ रतलाम सुश्री सीमा शर्मा द्वारा लिखी गई है।
यह थे मौजूद
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया कि पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम के अवसर पर जिला अभियोजन अधिकारी भोपाल राजेन्द्र उपाध्याय, सहायक संचालक अमित शुक्ला, उदयभान रघुवंशी, लोकेन्द्र द्विवेदी, मीडिया सेल प्रभारी भोपाल मनोज त्रिपाठी एडीपीओ बिहारी सिंह बघेल प्रमुख रूप से मौजूद थे। संचालन सुश्री मौसमी तिवारी प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन एवं सुश्री सीमा शर्मा राज्य समन्वयक पॉक्सो एक्ट मध्यप्रदेश द्वारा किया गया।
देश को लाभ मिलेगा पुस्तक से : गृहमंत्री
लॉकडाउन के कठिन समय में ऐसे संवेदनशील विषय पर पुस्तक लेखन का कार्य करने के लिए श्री शर्मा की प्रशंसा की। पुस्तक के विषय में उन्होंने कहां कि इस पुस्तक से मध्य प्रदेश ही नहीं वरन् संपूर्ण भारत देश को लाभ मिलेगा। म.प्र. सरकार नौनिहालों के विरूद्ध हो रहे किसी भी प्रकार के लैंगिक शोषण को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे घृणित अपराधों को करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए म.प्र. सरकार प्रतिबद्ध है।
🔲 नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री, मध्यप्रदेश शासन
सुरक्षा और विकास सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी
बच्चे हमारे देश का भविष्य है। इसलिए उनकी सुरक्षा और विकास सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। निश्चित ही यह पुस्तक प्रदेश और देश के कई अभियोजकों, वकीलों के साथ ही आम आदमी के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी।
🔲 डॉ. राजेश कुमार राजोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, म.प्र. गृह विभाग
मूर्त रूप देने की प्रेरणा बनी
बच्चों पर हो रहे लैंगिक अत्याचारों की घटनाएं मुझे कचोट रही थी और यही इस पुस्तक को मूर्त रूप देने की प्रेरणा बनी। एडीपीओ सुश्री सीमा शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने लॉकडाउन के समय में अपनी पूरी निष्ठा से पुस्तक में मेरा सहयोग किया।
🔲 पुरुषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र., भोपाल
मिलेगी एक नई दिशा व चेतना
अधिनियम के अनुसंधान एवं अभियोजन की संपूर्ण प्रक्रिया को समाहित कर लॉकडाउन के दौरान लेखक द्वय द्वारा यह पुस्तक समस्त विधि जगत को एक नई दिशा व चेतना प्रदान करेगी।
🔲 मौसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन, भोपाल
दो महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित यह पुस्तक
यह पुस्तक दो महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित है। प्रथम बच्चों के विरूद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों के संबंध में विधिक प्रावधानों, प्रक्रिया और उनके अनुपालन के संबंध में उल्लेख करता है। द्वितीय, अन्वेषण और विचारण के लिए एक संक्षिप्त मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने से संबंधित है। साथ ही यह पुस्तक कई अध्यायों मे विभाजित है जिसमें कुछ अध्याय अन्वेषण एजेंसी के लिए उपयोगी है। एक अध्याय चिकित्सक समुदाय के लिए, कुछ अध्याय चिकित्सक बालकों के कल्याण और काउंसलिंग संस्थाओं के लिए और कुछ अध्याय अभियोजन अधिकारियों के लिए उपयोगी रहेंगे।
इस पुस्तक में सुश्री सीमा शर्मा के अभियोजन संचालन के ज्ञान तथा कौशल का सार तथा अपने पुलिस करियर के समस्त अनुसंधान अनुभव के सार तथा सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्याय निर्णय एवं अन्य केस स्टडी के माध्यम से यह पुस्तक लिखने का प्रयास किया गया है।