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मंत्रालय से नहीं पंचायतों से चलती है सरकार : मुख्यमंत्री

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हरमुद्दा डॉट कॉम

रतलाम। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि सरकार मंत्रालय से नहीं, पंचायतों से चलती है। पंचायत व्यवस्था योजनाओं और कार्यक्रम के क्रियान्वयन की धुरी है। अच्छी योजनाओं का क्रियान्वयन भी अच्छा होना चाहिए, अन्यथा वे सफल नहीं होगी। योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रभावी बनाने के लिये योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया की समीक्षा  की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जिला एवं जनपद-पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे वर्तमान समय के संदर्भ में योजनाओं के क्रियान्वयन के तौर-तरीकों की समीक्षा कर अपने सुझाव दें। सरकार के सहभागी नहीं,सहयोगी बनें। श्री नाथ आज प्रशासन अकादमी में जिला एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

देश और प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था गाँव से जुड़ी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश और प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था गाँव से जुड़ी है। इसलिये फोकस ग्रामीण क्षेत्र पर है। पंचायत राज इसकी धुरी है। सरकार की योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी जिला जनपद पंचायत के सीईओ और पंचायत सचिव की है। उन्होंने कहा कि कई योजनाएँ ऐसी हैं, जो पन्द्रह से बीस साल पहले बनीं। उनका क्रियान्वयन आज वैसा ही नहीं हो सकता है। उसमें परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि वे इन योजनाओं के निर्माण से स्वत: जुड़े हैं। यूपीए सरकार में जब ये योजनाएँ बनी थीं, तब इसके क्रियान्वयन को लेकर कई सुधार करवाये थे। उन्होंने कहा कि समय बदला है, तो सरकार को यह भी बतायें कि क्रियान्वयन की प्रक्रिया में कौन से परिवर्तन करना है ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिले।

बनाए उत्कृष्ट  लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की क्रियान्वयन व्यवस्थाओं की समीक्षा और सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने जिला और जनपद पंचायत के सीईओ को जनता और सरकार के बीच की कड़ी बताते हुए कहा कि क्रियान्वयन में बदलाव हो, इसकी जिम्मेदारी भी उनकी है।

बेहतर उपयोग हो ग्रामीण क्षेत्रों के बजट का

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे देश का हो चाहे प्रदेश का, बजट का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण विकास पर खर्च होता है। ग्रामीण क्षेत्रों का प्रमुख व्यवसाय खेती-किसानी है। किसानों की क्रय शक्ति किस तरह बढ़ायें, इस पर भी हमें सोचना होगा। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी स्थाई समाधान नहीं है, यह एक राहत है । इसके आगे यह सोचना होगा कि किसानों के अधिक उत्पादन का कैसे उपयोग करें, क्योंकि इससे ही उनकी आय को दोगुना कर सकते हैं, उनकी क्रय शक्ति को बढ़ा सकते हैं। किसानों की क्रय शक्ति से ही हमारी बहुत सी छोटी-छोटी आर्थिक गतिविधियाँ जुड़ी हैं, जो लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाती हैं। इस चुनौती को हम कैसे सफलता में बदलें, इसमें आप सभी को महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करना है।

जल-संरक्षण बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि आने वाले दस वर्षों में पानी की उपलब्धता हमारे लिये सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिये हमें विशेष प्रयास करने की जरूरत है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को हमें मजबूत बनाना होगा।

सड़क से सिर्फ आवागमन ही नहीं, निवेश भी आता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों से सिर्फ आवागमन की सुविधा नहीं होती। सड़क निर्माण से कई प्रकार का निवेश भी आता है, जो लोगों के रोजगार का माध्यम बनता है। हमें इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

सरकार में सहयोगी बनें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश की शासन व्यवस्था बदली है। हम नई सोच, नई दृष्टि के साथ एक विकासोन्मुखी-जनोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना करने जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि इस प्रदेश में हर व्यक्ति को भोजन, पानी, आवास के साथ एक बेहतर जीवन जीने का वातावरण मिले।  इस नई  व्यवस्था में आपको साथ चलना है। मध्यप्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बनाना हमारा संकल्प है। इसमें न केवल आप भागीदारी करें बल्कि सहयोगी भी बनें।

चहुँमुखी विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी के चहुँमुखी विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जिला एवं जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की है। विकास की एक सुनियोजित अवधारणा जमीन पर क्रियान्वित होना चाहिये। इस दिशा में प्रभावी तरीके से काम करने की आवश्यकता है।

श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की स्पष्ट सोच है कि सरकार आम जनता के हित के लिये बनी है। इसलिये पंचायत से जुड़ी सभी संस्थाओं का दायित्व है कि वे ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का अपने ही स्तर पर निदान करें ताकि हमारे ग्रामीण भाइयों को भटकना न पड़े। उन्होंने योजनाओं और विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने को कहा। श्री पटेल ने कहा कि सरकार त्रि-स्तरीय पंचायत राज को सुदृढ़ बनाने के लिये काम कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री की पहल पर पंचायत पदाधिकारियों की स्वेच्छानुदान राशि में वृद्धि के आदेश जारी भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अधूरे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाए।

नदी पुनर्जीवन का विमोचन

अपर मुख्य सचिव श्रीमती गौरी सिंह ने विभागीय उपलब्धियों की जानकारी दी। जिला एवं जनपद के सीईओ ने अपने-अपने क्षेत्र में ग्रामीण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की जानकारी भी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नदी पुनर्जीवन पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन भी किया।

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