समाज व राष्ट्र की पहचान होती है भाषा, जरूरत है ध्यान देने की
🔲 “हमारी विरासत और हिन्दी भाषा” पर हुआ वेबिनार
हरमुद्दा
सागर, 18 सितंबर। भारतीय शिक्षण मंडल, महिला प्रकल्प- महाकौशल प्रांत सागर म प्र का हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार “हमारी विरासत और हिन्दी भाषा” पर हुआ।
संरक्षक सुश्री अरुंधती कावड़कर एवं प्रांताध्यक्ष महाकौशल प्रांत डॉ. संजीव जैन के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
भाषा समाज व राष्ट्र की होती है पहचान : कुलपति
श्री भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय सोनीपत हरियाणा के कुलपति डॉ. विनय कपूर मेहरा ने कहा कि भाषा समाज व राष्ट्र की पहचान होती है। उसकी अस्मिता, सांस्कृतिक वैभव, बौद्धिक उत्कर्ष की द्योतक होती है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति वक्ता डॉ. गिरीश्वर मिश्र ने कहा कि ज्ञान की दीर्घकालीन परम्परा हमारे पास है परन्तु हमें ज्ञान नहीं है।
चुनौतीपूर्ण समय में ध्यान देने की जरूरत : गुप्त
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ कथाकार डॉ. रजनी गुप्त ने कहा कि आज के इस दौर में जहां पूंजीवाद और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बोलबाला है, ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमें अपनी जमीन, जड़ों और अस्मिता की रक्षा हेतु अपनी भाषा की तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
हिंदी में रोजगार की संभावनाएं : शर्मा
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार की प्रोफेसर डॉ. निशा शर्मा ने कहा कि हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति जिस उत्तर दायित्व का निर्वहन वर्तमान समय के लेखक, रचनाकार, प्रकाशक व पाठक कर रहे हैं, उसकी अनुभूति सुखद है। हिंदी में रोजगार की संभावनाएं बढ़ रही है।
भाषा को पूंजी की तरह सहेजना हमारा दायित्व : डॉ. वाजपेयी
सारस्वत वक्ता उज्जैन डॉ. उमा वाजपेयी ने कहा कि भाषा हमें परम्परा से विरासत के रूप में प्राप्त होती है, उसे पूँजी की तरह सहेजना हम सबका दायित्व है।भाषा की प्रकृति बहती नदी की धारा के समान है, वह सतत् प्रवाहमान है।
जिम्मेदारी का करें निर्वहन : डॉ. गुप्ता
लेखिका संघ म प्र भोपाल की सचिव डॉ. कुमकुम गुप्ता ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। स्वयं और अपने बच्चों को देवनागरी लिपि में लिखने की आदत का विकास करें। हस्ताक्षर हिंदी में करें और अंग्रेजी प्रेमी पीढ़ी के सम्मुख हिंदी बोलने में गर्व का अनुभव करें l
सरस्वती वन्दना से शुरुआत
भारतीय शिक्षण मंडल का ध्येय मंत्र का वाचन क्लीम राय ने किया। सरस्वती वन्दना शशि दीक्षित तथा भारतीय शिक्षण मंडल का ध्येय वाक्य शोभा सराफ ने प्रस्तुत किया।अतिथियों का शाब्दिक स्वागत संजय पाठक,सह प्रांत मंत्री ने किया। डॉ. ऊषा मिश्रा, डॉ संगीता सुहाने, राजश्री दवे, शोभा सराफ , डॉ. क्लीम राय ने अतिथियों का परिचय दिया। तकनीकी सहयोगी समन्वयक के रूप में सोनक नामदेव एवं अनुराग वृजपुरिया रहे। संचालन डॉ. सरोज गुप्ता ने किया। आभार रीवा विभाग प्रमुख डॉ. मेजर विभा श्रीवास्तव ने माना।