नई शिक्षा नीति से शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार : सांसद डामोर

🔲 सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर में अटल टिंंकरिंंग लैब का उद्घाटन

हरमुद्दा
रतलाम, 10 अक्टूबर। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा एवं भारतीय शिक्षा के मध्य के गेप को दूर करने में सहायक होगी। इसमें प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल के विद्यार्थी भी तकनीकी शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करेंगे। नई शिक्षा नीति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। नई शिक्षा से शिक्षा का स्तर एक समान होगा। कि देश के हितों की रक्षा करना ही सर्वोपरि है।
यह विचार काटजू नगर स्थित सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर में अटल टिंंकरिंंग लैब के उद्घाटन समारोह में रतलाम संसदीय क्षेत्र के सांसद गुमानसिंह डामोर ने व्यक्त किए।

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मध्य प्रदेश में 800 विद्यालयों में हुई लैब की स्थापना : ठाकुर

सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के प्रांतीय अटल टिंकरिंग लैब प्रमुख अभिलाष ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अटल टिंंकरिंग लैब की शुरुआत का उद्देश्य बच्चों को बेसिक ज्ञान देना एवं प्रोजेक्ट परियोजना की शुरुआत के लिए की गई है। मध्य प्रदेश में 800 विद्यालयों में इस लैब की स्थापना की जा चुकी है। विद्या भारती के 47 विद्यालयों को इस लैब का लाभ मिल चुका है, जो बच्चों को प्रेरित करेंगे।

20 लाख वैज्ञानिक बनाने का लक्ष्य : भगत

विभाग समन्वयक महेंद्र भगत ने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से सन 2025 तक 20 लाख वैज्ञानिक बनाने का लक्ष्य रखा है।

यह थे मंचासीन

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कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। अतिथि परिचय सरस्वती शिशु शिक्षा समिति के सचिव शैलेन्द्र सुरेका ने दिया। कार्यक्रम में श्री ठाकुर, श्री भगत सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के प्रांतीय कोषाध्यक्ष गोपाल काकानी, सरस्वती शिशु शिक्षा समिति अध्यक्ष गुमानमल नाहर मंचासीन रहे।

किया अतिथियों का स्वागत

अतिथियों का स्वागत समिति के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र सुरेका, जवाहर चौधरी, सुनील लाठी, विनोद मूणत, अशोक जैन, प्रतिमा सोनटक्के, वीरेंद्र सकलेचा, मेघकुमार लुनिया, रशेष राठौर, मनीष सोनी, धीरज व्यास, डॉ. रामेश्वर पाटीदार, राकेश नेमानी, ब्रजेन्द्रनंदन मेहता, सुहास चितले, प्राचार्य गोपाल शर्मा, प्रधानाचार्य अंतिम वर्मा ने किया। संघचालक विरेन्द्र वाफगांवकर, प्रांतीय कम्प्यूटर प्रमुख महेंद्र चंदेल एवं समिति सदस्य एवं आचार्य परिवार उपस्थित था। संचालन शीला सोन ने किया। समिति सदस्य विस्मय चत्तर ने आभार माना।

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