नाबालिग से दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

हरमुद्दा
देवास, 13 अक्टूबर। विशेष न्‍यायालय पाक्‍सो एक्‍ट ने नाबालिग से दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी भीमाराम पिता जीवाजी उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम मेहरामजी गुडा जिला पाली थाना रानी, राजस्‍थान को भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 366, एवं 5(एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 में दोषी पाया। न्यायाधीश ने 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 13000/- के जुर्माने से दंडित किया गया।

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मीडिया प्रभारी मधुलिका मेव ने हरमुद्दा को बताया कि पीड़िता ने अनुसार तीन माह पूर्व से ग्राम पटाड़ा में भेड़े चराकर गुजर बसर करते थे। 21 फरवरी 2019 को पीड़िता व उसके परिवार वाले खाना खाकर सोए थे। रात करीब 09.00 बजे पिता ने आस पास अपनी नाबालिग लड़की नजर नहीं आई। फरियादी ने अपनी नाबालिग लड़की की गुमशुदा होने की रिपोर्ट थाने पर दर्ज करवाई। विवेचना के दौरान 26 फरवरी 2019 को पीड़ित को आरोपी भीमाराम के कब्‍जे से छुड़वाया गया तथा आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

बहला-फुसलाकर ले गया आरोपी

पीड़ित ने बताया कि आरोपी बहला फुसलाकर शादी का झांसा देकर इन्‍दौर बायपास के खेत में बनी टापरी में लेकर गया, जहां 04 दिन तक को रखा तथा उसकी मर्जी के बिना उसके साथ जबरदस्‍ती गलत काम किया। अन्‍य आवश्‍यक अनुसंधान उपरान्‍त अभियोग पत्र न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेन्‍द्र खाण्‍डेगर ने पैरवी की। महत्वपूर्ण साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर न्यायाधीश ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

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