शासकीय कर्मचारियों के वाजिब हकों को रोकना न्यायोचित नहीं, मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद कर्मचारी वर्ग नाखुश

🔲 शासकीय कर्मचारियों की वाजिब हकों को रोकना न्यायोचित नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 20 अक्टूबर। मुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर की राशि का 25%नगद भुगतान व 10000 रुपए अग्रिम दिए जाने की घोषणा से कर्मचारी जगत नाखुश है। मुख्यमंत्री जी को पुनर्विचार कर सातवें वेतनमान के एरियर की राशि का एकमुश्त भुगतान, देय वेतन वृद्धि एवं महंगाई भत्ते के भुगतान संबंधी आदेश दीपावली पूर्व जारी करना चाहिए। 
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय सलाहकार दीपक सुराना ने हरमुद्दा को बताया कि कोरोना काल का हवाला देकर वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान के एरियर्स को शासन द्वारा रोका गया, जबकि प्रदेश सरकार द्वारा अन्य कई आर्थिक घोषणाएं लगातार की जा रही है।

की गई घोषणा लालीपाप 

करोना काल में अपनी सेवाएं देने वाले शासकीय कर्मचारियों के वाजिब हकों को रोकना न्यायोचित नहीं है, की गई घोषणा लालीपाप ही हैं। मुख्यमंत्री जी को पुनर्विचार कर सातवें वेतनमान के एरियर की राशि का एकमुश्त भुगतान, देय वेतन वृद्धि एवं महंगाई भत्ते के भुगतान संबंधी आदेश दीपावली पूर्व जारी करना चाहिए।

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