पटाखों पर प्रतिबंध : एनजीटी का फैसला आएगा 9 नवंबर को, पटाखों के प्रदूषण से कोरोना का संक्रमण
1 min read🔲 पटाखों पर प्रतिबंध की मांग संबंधी जनहित याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई
हरमुद्दा
जबलपुर, 5 नवंबर। मध्य प्रदेश में पटाखों पर प्रतिबंध की मांग संबंधी जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया गया। आदेश 9 नवम्बर को आएगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे व समाज सेवी रजत भार्गव ने बताया कि अधिवक्ता प्रभात यादव ने एनजीटी के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया। जिस पर गौर करने के बाद पूर्व से विचाराधीन अन्य प्रदेशों से संबंधित जनहित याचिका के साथ सुनवाई की व्यवस्था दे दी गई थी।
कोरोना प्रकोप बढ़ने की आशंका
जनहित याचिकाकर्ता को ओर से मुख्य रूप से यही आशंका व्यक्त की गई कि यदि दीपावली में मध्य प्रदेश में पटाखे फूटे तो धुआं-प्रदूषण से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। लिहाजा, मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान व छत्तीसगढ़ आदि सरकारों को दिशा-निर्देश जारी कर प्रतिबंध सुनिश्चित कराया जाए।
पूर्व में जारी हो चुके हैं नोटिस
उल्लेखनीय है कि एनजीटी पूर्व में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर चुका है। इसके जरिये पूछा गया है कि क्यों न कोरोना संक्रमण के खतरे को गंभीरता से लेक राज्यों में सात से 30 नवंबर तक पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया जाए। पटाखों से होने वाला प्रदूषण वातावरण को खतरनाक बना सकता है। इसलिए कम से कम इस बार की दीपावली बिना शोर के मनाई जाए। सिर्फ दीपक जलाए जाएं और ईश्वर से कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की जाए। जनता इस तरह के आदेश का पालन करने तैयार हो, इसके लिए उसे मोटिवेट किया जा सकता है।