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🔲 ज्यादा विशालकाय उल्का पिंड भी ला सकता धरती पर तबाही

हरमुद्दा
नए साल में धरती को ओर बढ़ने वाले उल्कापिंडों की संख्या कम नहीं है। बुधवार को ही धरती की ओर एक साथ पांच उल्कापिंड बढ़ रहे हैं, जो धरती के काफी पास से होकर गुजर जाएंगे। बुधवार को धरती के पास से जो पांच उल्कापिंड गुजरने वाले हैं, उनमें कुछ तो पेरिस के एफिल टॉवर और मिस्र के मिरामिड के भी ज्यादा विशाल हैं। ज्यादा विशालकाय उल्का पिंड धरती पर तबाही तक ला सकते हैं।

उल्कापिंड ऐसे आकाशीय पिंडों को कहा जाता है, जो स्वतंत्र रूप से ब्रह्मांड में घूमते रहते है। ये विशालकाय चट्टानों का निश्चित परिभ्रमण नहीं होता है और अनियमित मार्क के कारण कभी-कभी धरती की कक्षा में भी प्रवेश कर जाते हैं। यदि उल्कापिंड ज्यादा विशालकाय होता है तो धरती पर तबाही भी ला सकता है। धरती पर कई बार विशाल उल्कापिंड गिरने से तबाही भी आई है।

दो का आकार काफी विशाल

सेंट्रल फॉर नियर अर्थ स्टडीज के अध्ययन के अनुसार आज धरती की ओर जो विशाल उल्कापिंड आ रहे हैं, उनमें दो का आकार काफी विशाल है। सेंट्रल फॉर नियर अर्थ स्टडीज का कहना है कि यदि ये दोनों उल्कापिंड धरती से टकराते हैं तो इसका प्रभाव 25 से 50 मेगाटन के परमाणु बम के समान होगा, हालांकि इन पांचों में से किसी भी उल्कापिंड के धरती से टकराने की आशंका बेहद कम है। नासा के मुताबिक सभी एस्ट्रॉयड्स धरती से सुरक्षित दूरी से निकल जाएंगे।

इसलिए खतरा कम

बुधवार को धरती के पास से जो उल्कापिंड गुजरेंगे, उनमें 2021 AC उल्कापिंड का आकाश सबसे ज्यादा विशाल है। इसका आकार मिस्र के पिरामिड की तरह है। 62 मीटर का यह विशाल उल्कापिंड धरती से 35 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। वहीं 2016 CO247 एफिल टावर जैसा विशाल है और यह लगभग 74 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। नासा के अनुसार ये सभी एस्ट्रॉयड्स विशाल होने के बावजूद खतरा इसलिए कम है क्योंकि ये सभी धरती से काफी दूर है।

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