राष्ट्र धर्म विजय यात्रा से मजबूत हुई सनातन संस्कृति : नर्मदानन्दजी
श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज ने किया अभिनंदन
हरमुद्दा
रतलाम 6 फरवरी। राजानंद बापजी का सिखवाल ब्राह्मण समाज से विशेष लगाव था। नित्यानंद आश्रम ट्रस्ट की स्थापना में भी सिखवाल समाज का अहम योगदान है। राजस्थान के मेवाड़ और मारवाड़ से अनेक सिखवाल यहां आए हैं, इसलिए यह सिखवाल समाज नहीं सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज है। राष्ट्र धर्म विजय यात्रा से भारत की सनातन संस्कृति को मजबूती मिली है।
यह विचार श्री श्री 1008 संत श्री नर्मदानंद जी बापजी ने शनिवार को श्री नित्यानंद आश्रम में श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए।
राष्ट्र की एकता को भी मिली मजबूती
उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म यात्रा के माध्यम से राष्ट्र की एकता को भी मजबूती मिली है भगवान केशव के आशीर्वाद से ही यात्रा अनेक पड़ाव को पार करते हुए 12 ज्योतिर्लिंग एवं चारों धाम की संपन्न हुई। भारत की एकता के लिए ही शंकराचार्य जी ने चारों दिशाओं में मठ स्थापित किए थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में शक्तिपीठो के दर्शन के लिए यात्रा निकाली जाएगी। इसमें कई साधु संत शामिल होंगे। बापजी ने नर्मदा जयंती पर उपस्थित रहने का आह्वान किया।
11 किलो के हार, शाल एवं श्रीफल से किया नर्मदानंद जी का सम्मान
इस अवसर पर श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज ने 11 किलो के हार, शाल एवं श्रीफल से नर्मदानंद जी का सम्मान किया। कार्यक्रम में श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज के कैलाश व्यास ने महर्षि श्रृंग ऋषि से उतपन्न समाज के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राजा दशरथ के घर भगवान राम के जन्म का संतति यज्ञमहर्षि श्रृंग ऋषि ने करवाया था।
यह थे मौजूद
इस दौरान समाज के रतनलाल व्यास, कन्हैयालाल तिवारी, मनोहरलाल पांड्या, पृथ्वीराज व्यास, भूरालाल ओझा, शंकरलाल व्यास, अनिल पांडया, एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, रवि व्यास, जगदीश व्यास, योगेश बोहरा, एडवोकेट नोटरी अरुण त्रिपाठी, श्री महर्षि श्रृंग संस्थान अध्यक्ष गणपत तिवारी, सत्यनारायण जोशी, पूर्व सैनिक वीरेंद्र त्रिपाठी, शंकरलाल बोहरा, दीपक उपाध्याय, हरीश जोशी चंद्रप्रकाश पुरोहित, गौरव त्रिपाठी, विजय ओझा, चंद्रप्रकाश व्यास, ब्रजमोहन पांड्या संजय पांड्या आदि उपस्थित थे।