फिनटेक के सहयोग से बढाएंगे डिजिटल भुगतान को
दिल्ली, 26 मार्च। डिजिटल भुगतान को बढ़ाने देने के लिए आरबीआई वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों “फिनटेक” का सहयोग लेगा। इसके लिए सूचना तकनीक क्षेत्र के महारथी नंदन नीलेकणी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जो अगले तीन महीने में आरबीआई को रिपोर्ट सौंपेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीति आयोग द्वारा आयोजित ‘फिनटेक सम्मेलन’ में बताया कि फिनटेक के जरिए डिजिटल भुगतान को और बेहतर करने एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए कदम उठाये जा चुके हैं। दास ने कहा कि फिनटेक क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए रेगुलेटरी सैंडबॉक्स बनाया जाएगा, जिसके लिए अगले दो महीने में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
रेगुलेटरी सैंडबॉक्स
रेगुलेटरी सैंडबॉक्स ऐसा तरीका है, जो किसी नई प्रौद्योगिकी या प्रणाली को अमल में लाने से पहले नियामक की देखरेख में प्रयोग करने एवं सीखने की सहूलियत देता है।
कम कीमत व लागत में मदद
यह फिनटेक कंपनियों को कम लागत और कम कीमत पर नए नवोन्मेषी उत्पाद पेश करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि फिनटेक क्षेत्र की पूरी क्षमता के दोहन के लिए इस क्षेत्र में निवेश का सही प्रवाह हो। फिनटेक क्षेत्र में मोबाइल भुगतान, मनी ट्रांसफर, ऋण, क्राउड-फंडिंग, एसेट मैनेजमेंट सहित कई अन्य चीजें शामिल हैं। दास इस क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाले मुद्दों और चिंताओं को समझने के लिए इस सप्ताह पेमेंट बैंक के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।
अमेरिका के बाद भारत में फिनटेक
दास ने फिनटेक रिपोर्ट-2019 का हवाला देते हुए कहा कि फिनटेक अपनाने के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। इससे आगे सिर्फ अमेरिका है। देश में फिनटेक अपनाने की दर 52 फीसदी है। उन्होंने कहा कि देश में अभी 1,218 फिनटेक कंपनियां परिचालन में हैं और इन्होंने निवेश के अवसर समेत भारी मात्रा में रोजगार सृजित किए हैं।