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पशु की गणना में रतलाम प्रदेश में तृतीय स्थान पर, उज्जैन संभाग का बजा डंका

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हरमुद्दा
रतलाम 28 मार्च। 20वीं पशु संगणना रतलाम जिले में भी पूर्ण कर ली गई है। संगणना कार्य विगत 25 दिसम्बर को आरम्भ किया गया था। कार्य पूर्णता की अवधि 31 मार्च निर्धारित थी परन्तु कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देशन में रतलाम जिले में 25 मार्च को ही कार्य पूर्ण कर लिया गया। समय-सीमा पूर्व कार्य पूर्णता के लिहाज से जिला पूरे प्रदेश में तृतीय स्थान पर आया है। साथ ही ऑनलाईन एंट्री भी कर दी गई है। इस कार्य में मंदसौर प्रथम तथा शाजापुर जिला द्वितीय स्थान पर रहा। खास बात यह है कि प्रदेश में उज्जैन संभाग का ही डंका बजा है।
पशुप्रेमी है जिला
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. एके राणा ने बताया कि 20वीं पशु संगणना के अनुसार रतलाम जिले में कुल 3 लाख 30 हजार 254 परिवारों में 3 लाख 28 हजार 498 गोवंशीय, 2 लाख 2 हजार 658 भैस वंशीय पशु, 2 लाख 83 हजार 745 बकरे-बकरियां, 2 हजार 435 भेड़ तथा 2 लाख 21 हजार 948 मुर्गा-मुर्गी है। समस्त पशु संख्या जिले के 2 लाख 34 हजार 827 ग्रामीण परिवारों तथा 95 हजार 437 शहरी परिवारों के यहां पाई गई है।
पांच वर्ष में होती संगणना
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 5 वर्ष के अंतराल से पशु संगणना कराई जा रही है। पशु पालन विभाग वर्ष 2004 से प्रदेश में पशु संगणना का कार्य कर रहा है। इसके पूर्व यह कार्य राजस्व विभाग द्वारा किया जाता था। वर्ष 2018-19 में 20वी पशु संगणना का कार्य ऑनलाईन किया गया जिसमें पशु संगणना की एंट्री एन.आई.सी द्वारा निर्मित ’लाईव स्टॉक सेंसस’ एप के माध्यम से पोर्टल में की गई।
75 लोगों ने किया कार्य
पशु संगणना में जिले के शहरी क्षेत्र में 10 प्रगणक और 3 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये तथा ग्रामीण क्षेत्र में 52 प्रगणक और 10 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये। ऑनलाईन एंट्री प्रगणकों और सुपरवाईजरों को विभाग द्वारा प्रदाय किए गए टेबलेट द्वारा की गई है, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी हेतु सीम भी उपलब्ध करवाई गई।

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