पल्स पोलियो: 2 लाख 4 हजार बच्चों को दवाई पिलाने का लक्ष्य हांसिल करें: एडीएम
हरमुद्दा
रतलाम 28 मार्च। जिले में पल्स पोलियो अभियान आगामी 7 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। जिले में 0 से 5 वर्ष की आयु के 2 लाख 4 हजार बच्चों को पोलियो विरोधी दवाई पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके तहत जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में अपर कलेक्टर जितेंद्र सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि पल्स पोलियो अभियान के प्रथम दिवस 7 अप्रैल को शत प्रतिशत लक्षित बच्चों को दवा पिलाने का प्रयास किया जाए। कोई भी बच्चा दवाई पीने से वंचित नहीं रहे। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ स्वाति मित्तल, सहायक संचालक महिला बाल विकास सुश्री अंकिता पंड्या आदि उपस्थित थे।
संस्थाओं लें सहयोग
बैठक में अपर कलेक्टर श्री चौहान ने निर्देश दिए कि पल्स पोलियो अभियान के सफल आयोजन हेतु अशासकीय संगठनों संस्थाओं का भी पूरा सहयोग प्राप्त किया जाए। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, निर्माण स्थलों बस और ट्रेन आदि संभावित स्थानों पर मिलने वाले बच्चों को दवाई पिलाई जाए। 7 अप्रैल को रविवार होने से शिक्षा विभाग को उन स्कूलों के खुले रखने तथा महिला बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ियों को खुले रखने के निर्देश भी अपर कलेक्टर ने दिए, जहां पोलियो बूथ कार्य करेंगे। इसके लिए दल गठन कर दिए गए हैं। बैठक में लायंस क्लब रतलाम के प्रशांत व्यास, गोपाल जोशी भी उपस्थित थे। इनके अलावा खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला भी मौजूद था।
होगा प्रचार प्रसार
पल्स पोलियो अभियान के संदर्भ में बच्चों के अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के प्रथम दिवस ही दवा पिलवा दे जिससे पोलियो विरोधी दवा की गुणवत्ता प्रथम दिवस ज्यादा बेहतर होती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ननावरे ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के सघन प्रचार-प्रसार के तहत माइक से उद्घोषणा के अलावा फ्लेक्स, बैनर, दीवार लेखन, नारे लेखन जैसी गतिविधियां भी की जा रही है।
मांगूर प्रजाति की मछली का पालन एवं विक्रय प्रतिबंधित
रतलाम 28 मार्च। सभी मछली पालन विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे थाईलैंड मांगुर प्रजाति की मछली का पालन एवं विक्रय नहीं करें, अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सहायक संचालक मत्स्य उद्योग बहादुर सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार थाईलैंड मांगुर प्रजाति की मछली का पालन एवं विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। यदि किसी विक्रेता के यहां मांगूर प्रजाति की मछली पाई जाती है तो नष्ट कर दी जाएगी।