हरमुद्दा की खबर का असर : जिला प्रशासन के गैर जिम्मेदार को हटाया शासन ने, रतलाम की बागडोर अब युवा आईएएस कुमार पुरुषोत्तम के हाथों में
🔲 लॉकडाउन के दौरान संक्रमित महिला पुरुषों की संख्या में हुई वृद्धि
🔲 मौत का आंकड़ा भी बढ़ता रहा लगातार
🔲 जन सुविधाओं को किया जिम्मेदारों ने नजरअंदाज
हरमुद्दा
रतलाम/भोपाल, 7 मई। हरमुद्दा की खबर का असर हुआ कि जिला प्रशासन के गैर जिम्मेदार को राज्य शासन ने हटा दिया है और आईएएस कुमार पुरुषोत्तम को जिले की बागडोर सौंपी है। उल्लेखनीय है कि हरमुद्दा ने गैर जिम्मेदारों की हरकत को लेकर खबरों का प्रसारण किया है। चाहे मुद्दा सड़क पर अभिभाषक की मौत का हो या फिर आम जनता को फल, सब्जी और राशन नहीं मिलने का। चाहे लाख डाउन के बावजूद संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि और मौत का मुद्दा हो। जनहित में शासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए। कलेक्टर के तबादले किए हैं
राज्य शासन ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। गुना कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को अब रतलाम का दायित्व सौंंपा गया है। नवागत कलेक्टर 2012 के आईएएस अफसर है। नौजवान है।
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भोपाल दड़बे में बिठा दिया, उनको दड़बे में बैठने का ही था शौक
शासन ने रतलाम कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड से कलेक्ट्री छीनकर कर भोपाल दड़बे में बिठा दिया है, उनको दड़बे में बैठने का ही शौक था। कलेक्ट्रेट में भी वे कम ही आते थे। उनको ज्यादा बंगला ही पसंद था। आमजन के फोन उठाना तो उन्होंने सीखा ही नहीं था। चाहे कितनी भी बड़ी समस्या हो फोन नहीं उठाते थे। यहां तक कि विधायक तक के फोन उठाने में इनको दिक्कत थी। यहां तक की कार्य क्षेत्र के साथी मित्र भी इनके फोन नहीं उठाने से खफा है। लोक प्रशासन जब आमजन की बातें नहीं सुनेंगे, समझेंगे और जानेंगे तो फिर कैसे प्रशासन चलेगा? यह विचारणीय प्रश्न था। लेकिन उनकी समझ में नहीं आया। इसके कारण अन्य कार्य करने वाले अधिकारी भी अपने आप को असहाय महसूस कर रहे थे लेकिन अब उन्हें भी पुनः कार्य करने का अवसर मिल जाएगा। उन्हें तो कलेक्टर रुचिका चौहान के कार्यकाल में बेहतर कार्य करने का अनुभव भी है। जिले के रहवासियों में भी काफी। खुशी का माहौल है कि अब लॉकडाउन में जरूरी राहत मिलेगी, वहीं संक्रमित लोगों का अच्छे से उपचार होगा। खास बात तो यह है कि जनहित के मामले में समाचार पत्रों ने भी कार्यप्रणाली पर उंगली नहीं उठाई।
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लॉक डाउन में संक्रमण घटने की बजाय बढ़ता रहा लगातार
1 महीने के लॉक डाउन के बावजूद संक्रमित के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी होती रही। वहीं जान से हाथ धोने वालों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई। कोरोना काल में लोगों को फल और सब्जी के लिए परेशान होना पड़ा। मरीजों की सेहत के लिए फल जरूरी थे लेकिन घर-घर जाकर बेचना बंद कर दिया गया। छोटे-मोटे उद्योग चलाने के लिए आदेश में संशोधन कर दिया लेकिन आम जनता की सुविधा के लिए कोई राहत नहीं दी गई।
विधायक डॉ. पांडेय ने भी की मुख्यमंत्री से जनहित के मुद्दों पर बात, बिगड़ती स्थिति से कराया अवगत
उल्लेखनीय है कि जननेता व जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय ने भी कोरोना कॉल और लॉकडाउन में रतलाम जिले की बिगड़ती स्थिति को लेकर गुरुवार को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी। उपचार नहीं मिलने और सड़क पर अभिभाषक की मौत के मुद्दे को भी मुख्यमंत्री को बताया था, तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर एक अस्पताल में मरीज का उपचार होगा। किसी को भी वहां से बाहर नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके उसी दिन मेडिकल कॉलेज के गेट नंबर 2 पर एक युवक की मौत हो गई। बिगड़ते हालातों के मद्देनजर और आम जनता के मुद्दों को लेकर जावरा विधायक डॉ. पांडेय काफी देर बाद की। हरमुद्दा ने भी जनहित के मुद्दों वाली खबरों को देश और प्रदेश जिम्मेदारों को ट्वीट कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। जिम्मेदारों ने एक्शन लेने का आश्वासन भी दिया।
अपर कलेक्टर को मिली कलेक्टर की जिम्मेदारी
सरकार ने इस तबादले में दमोह कलेक्टर तरुण राठी को भी हटाकर मंत्रालय में उप सचिव बनाया गया है। बालाघाट के अपर कलेक्टर फ्रेंक नोबल को गुना का कलेक्टर बनाया गया है जबकि जबलपुर के अपर कलेक्टर अनूप कुमार सिंह को दमोह का कलेक्टर बनाया गया है।