अप्रेन्टिसशीप के तहत विद्यार्थी प्राप्त कर सकेगा ऑन द जाब प्रशिक्षण
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव करने वाला पहला राज्य बना मध्यप्रदेश
स्नातकोत्तर अध्ययन के लिये 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम जरूरी
मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षा सत्र 2021-22 से स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बदलाव किए जा रहे है । यह बदलाव शिक्षा सत्र 2021- 22 से स्नातक प्रथम वर्ष के लिये लागू होंगे।
इस बदलाव के फलस्वरूप पारंपरिक स्नातक पाठ्यक्रम पूर्वानुसार 3 वर्षों का ही होगा किन्तु स्नातकोत्तर अध्ययन के लिये 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम करना होगा । चतुर्थ वर्ष में विद्यार्थी चयनित विषय में शोध प्रविधि तथा लघु शोध प्रबन्ध का अधययन करेंगे। स्नातक पाठ्यक्रम में बहुनिकासी (multiple exit) का विकल्प है अर्थात प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करने के पश्चात स्नातक सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष के बाद स्नातक डिप्लोमा, तृतीय वर्ष के बाद स्नातक उपाधि व चतुर्थ वर्ष के बाद स्नातक(ऑनर्स/शोध) उपाधि की पात्रता होगी।
दूसरा महत्वपूर्ण बदलाव अकादमिक संरचना में किया गया है । इसके अनुसार विद्यार्थी हायर सेकेन्डरी के विषय समूह के आधार पर पात्रतानुसार एक मुख्य(major) विषय, एक गौण (minor) विषय और किसी भी संकाय से एक वैकल्पिक(elective) विषय का चयन कर सकेगा ।इसके लिये किसी भी संकाय के विद्यार्थी को कला, विज्ञान व वाणिज्य के विषयों के अतिरिक्त अन्य संकाय जिसमें एनएसएस, एनसीसी व शारीरिक शिक्षा के विषय है का विकल्प उपलब्ध होगा। एनएसएस, एनसीसी व शारीरिक शिक्षा के विषय महाविद्यालयों की एनएसएस, एनसीसी व शारीरिक शिक्षा की इकाई से अलग होंगे । इसके अतिरिक्त विद्यार्थी को एक व्यावसायिक विषय व फील्ड प्रोजेक्ट/ इंटर्नशीप/अप्रेन्टिसशीप/सामुदायिक कार्य में से एक का चयन करना होगा । आधार पाठ्यक्रम सभी विद्यार्थियों के लिये अनिवार्य होगा।
सम्पूर्ण अकादमिक संरचना क्रेडिट आधारित होगी । क्रेडिट पाठ्यक्रम की अवधि के मापन की इकाई है जो प्रति सप्ताह अध्यापन के घण्टे को मापती है । प्रथम वर्ष में विद्यार्थी को मुख्य विषय के लिये 12 क्रेडिट, गौण व वैकल्पिक विषय के लिये 6-6 क्रेडिट, वैकल्पिक व फील्ड प्रोजेक्ट/इंटर्नशीप/अप्रेन्टिसशीप/सामुदायिक कार्य के लिये 4-4 क्रेडिट व आधार पाठ्यक्रम के लिये 8 क्रेडिट का अध्ययन करना होगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष के लिये कुल 40 क्रेडिट अध्ययन करना होगा।
सत्र 2021-22 के लिये महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया के अन्तर्गत विद्यार्थी को ई-प्रवेश पोर्टल से आवंटन होने के बाद उसे ऑनलाइन विषय चयन कर प्रवेश लेना है । उसे सर्वप्रथम आवंटित विषय समूह में से किसी एक विषय को मुख्य विषय के रूप में चयन करना होगा। इसके बाद शेष रहे दो विषयों में से किसी एक विषय को गौण विषय के रूप में चयन करना होगा । विद्यार्थी को वैकल्पिक विषय चुनने के लिये समूह में शेष रहे तीसरे विषय के साथ अन्य संकाय के विषय भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे । विद्यार्थी को इनमें से एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होगा। इसके पश्चात व्यावसायिक विषय का चयन व उसके बाद फील्ड प्रोजेक्ट /इंटर्नशीप/अप्रेन्टिसशीप/सामुदायिक कार्य में से एक का चयन करना होगा । अन्त में प्रवेश शुल्क रूपये 1000 जमा करने पर प्रवेश होगा।
फील्ड प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विद्यार्थी को स्थल भ्रमण व अन्वेषण के आधार पर विषय का अध्ययन तथा अन्वेषण रिपोर्ट तैयार करना होगी। इंटर्नशीप में विद्यार्थी किसी क्षेत्र अथवा संस्था से जुड कर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। अप्रेन्टिसशीप के अन्तर्गत विद्यार्थी ऑन द जाब प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगा। सामुदायिक कार्य का आशय समाज सेवा अथवा समाजसेवी संस्था से जुड कर प्रशिक्षण प्राप्त करने से है।
डॉ. संजय वाते