Religion : मन में पैदा होने वाले दूषित विचारों का अंत करती है श्रीमद भागवत
1 min readश्री राधा कृष्ण मंदिर में श्रीमद् भागवत सप्ताह शुरू
दिनेश जोशी
बाजना/ रतलाम, 28 अगस्त। जहां तक श्रीमद् भागवत कथा के ज्ञान के प्रसार की आवाज जाती है, वहां का वातावरण (Climate) पूरी तरह से भक्तिमय हो जाता है। वहीं जो लोग इन कथा का ज्ञान प्राप्त करते हैं। उनका जीवन धन्य हो जाता है। कथा के ज्ञान से इंसान के मन को शांति ( peace of mind) मिलती है और मन में पैदा होने वाले दूषित विचारों का अंत हो जाता है।
यह विचार भागवताचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने व्यक्त किए। पंडित ओझा बाजना में श्री राधा कृष्णा उत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह के शुरुआत अवसर पर धर्मालुओं को संबोधित कर रहे थे।
श्रोताओं से पंडित ओझा ने कहा कि भागवत की कथा सुनने और समझने मात्र से ही मनुष्य ज्ञानी पद को प्राप्त कर लेता है और कई प्रकार के पापों का निवारण करता है। कथा का पूरा ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान करते हुए भविष्य के मार्ग को साफ रखने की सलाह दी।
पहले निकली श्रीमद् भागवत ग्रंथ यात्रा
शुक्रवार को श्रीमद् भागवत कथा पारायण शुरू होने से पूर्व श्रीमद् भागवत ग्रंथ की यात्रा निकाली गई, जिसमें धर्मालु श्रीमद् भागवत ग्रंथ को सिर पर उठाकर चल रहे थे। मंदिर में पहुंचने पर श्रीमद् भागवत ग्रंथ का पूजन किया गया तत्पश्चात मंदिर में सुसज्जित मंडप में विराजित किया गया। जहां पर व्यास गद्दी पर विराजित पंडित ओझा ने भक्तों को कथा श्रवण करवाना शुरू किया।