murder of woman : महिला के हत्यारे बाप-बेटे व साथी को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड

कुवारों की शादियां करवाने का कार्य करती थी महिला

हरमुद्दा
रतलाम, 1 सितंबर। कुंवारों की शादियां करवाने का काम करवाने वाली महिला की बाप-बेटे व साथी ने हत्या कर दी। हत्यारों को प्रथम अपर सत्र न्‍यायालय जावरा रुपेश शर्मा ने आजन्म कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थदंड दिया। न्यायाधीश ने धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000-10000 रुपए के अर्थदंड व धारा 201 भादवि में 5-5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रुपए  अर्थदंड से दंडित किया गया।

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया को 13 मार्च 2018 को सूचनाकर्ता बद्रीलाल पिता मांगीलाल भील ने रिपोर्ट की थी कि मैं नांदलेटा से मलेनी नदी तरफ हाथ मुंह धोने गया था, तो मैने मलेनी नदी में एक लाश दिखी। मैने लाश को पास जाकर देखा तो किसी अज्ञात महिला की थी। किसी व्‍यक्ति ने महिला के चेहरे पर चोटे और गले में कोई धारदार हथियार से गला कटा होकर खून निकल हुआ था।

अज्ञात आरोपी के विरुद्ध हुआ प्रकरण दर्ज

सूचना देने वाले बद्रीलाल पिता मांगीलाल की सूचना पर से घटना स्‍थल पर ही रिपोर्ट देहाती नालसी अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302, 201 भादवि में लेख कर थाना पिपलोदा पर असल अपराध क्रं. 70/2018 पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

महिला के भाइयों ने की थी शिनाख्त

विवेचना के दौरान अज्ञात महिला की लाश की निरीक्षण करते मृतिका के दाहिने हाथ पर कृष्‍णा गुदा होना पाया जिसके आधार पर मृतिका के फोटो सोशल मीडिया, अखबार एवं वाट्सअप पर प्रकाशित किए, जिससे मृतिका के भाई कन्‍हैयालाल एवं मोहनलाल द्वारा मृतिका की शिनाख्‍त की गई।

आरोपी कन्हैयालाल ने बुलाया था जावरा

मृतिका के भाई ने बताया कि मृतिका कृष्‍णाबाई गांव हरियाखेडा के कन्‍हैयालाल व जितेन्‍द्र तथा ग्राम बरगढ निवासी समरथ के साथ रहती थी। कुवारों की शादियां करवाने का काम करती थी। तीन-चार दिन पहले कन्‍हैयालाल द्वारा मृतिका को फोन करके जावरा बुलाया था। उसके बाद 13 मार्च 2018 को मृतिका की लाश मिली।

कॉल डिटेल व शंका के आधार पर हुई पूछताछ

परिजनो द्वारा मृतिका कृष्‍णाबाई के बताए मोबाईल नंबर की काल डिटेल की जानकारी पुलिस द्वारा प्राप्‍त करने पर उसके ईएमईआई नंबर वाला मोबाईल जितेन्‍द्र पिता कन्‍हैयालाल द्वारा उपयोग करना पाया गया। शंका के आधार पर जितेन्‍द्र व उसके पिता कन्‍हैयालाल की तलाश कर दिनांक 18 मार्च 2018 को उसके निवास हरियाखेडा पहुंचे, जहां पर कन्‍हैयालाल मिला। उससे पूछताछ की तो मामला सामने आया।

कृष्णा से परेशान होकर कर दी तीनों ने मिलकर हत्या

उससे पूछताछ करने पर उसने पुलिस को जानकरी दी कि मृतिका कृष्‍णाबाई के समरथ से अवैध संबंध थे और वह उस पर शादी करने के लिए दबाव बना रही थी। शादी कराने के धंधे में भी रुपयों के बंटवारे में ज्‍यादा हिस्‍से की मांग करने लगी थी जिससे हमारे बीच में आए दिन विवाद होता रहता था। परेशान होकर मैने मेरे बेटे जितेन्‍द्र व समरथ ने मिलकर 11 मार्च 2018 की रात्रि में कृष्‍णाबाई की हत्‍या कर उसकी लाश को ग्राम नांदलेटा स्थित सूखी मलेनी नदी के पास फेंक दिया था।

अन्य आरोपियों को भी किया गिरफ्तार

कन्‍हैयालाल को गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्‍त छुरा आरोपी की निशानदेही से उसके घर के पीछे से जप्‍त किया गया। ग्राम बरगढ से समरथ को गिरफ्तार किया। उसके पूछताछ कर अपराध में प्रयुक्‍त मोटर सायकिल उससे जप्‍त की गई। 24 मार्च को आरोपी जितेन्‍द्र को गिरफ्तार कर उसके कब्‍जे से उसकी निशानदेही से मृतिका कृष्‍णाबाई का मोबाईल जप्‍त किया गया।

19 साक्षियों के हुए साक्ष्य

जप्‍तशुदा आर्टिकलों की एफएसएल जांच करवाई। तीनो आरोपियों के विरूद्ध धारा 302, 201 भादवि के अंतर्गत न्‍यायालय में प्रकरण प्रस्‍तुत किया गया। अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी विजय पारस ने पैरवी करते हुए अभियोजन की ओर से घटना के समर्थन में कुल 26 साक्षियों में से 19 साक्षियों को परीक्षित करवाया गया। साक्षियों के साक्ष्‍य, एफएसएल जांच रिपोर्ट एवं लिखित व मौखिक बहस प्रस्‍तुत कर आरोपियों को अधिकतम दण्‍ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया।

और न्यायाधीश ने सुनाई सजा

न्‍यायालय द्वारा अपने निर्णय में अभियोजन की ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य को प्रमाणित मानते हुए तीनो आरोपियों को दोषसिद्ध किया गया। न्यायाधीश ने जघन्‍य एवं सनसनीखेज प्रकरण में निर्णय देते आरोपी कन्‍हैयालाल उर्फ मनोज पिता मोतीलाल उम्र 43 वर्ष, जितेन्‍द्र उर्फ जीतू पिता कन्‍हैयालाल उम्र 24 वर्ष, दोनो निवासी हरियाखेडा थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा जिला रतलाम एवं समरथ पिता पुनमचंद, उम्र 34 वर्ष, नि. बरगढ थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा जिला रतलाम को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000-10000 रुपए के अर्थदंड व धारा 201 भादवि में 5-5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रुपए  अर्थदंड से दंडित किया गया।

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