Sports : विभागीय उदासीनता के कारण खिलाड़ियों को दिक्कत

खेल गतिविधियों के लिए बजट मिलता है लेकिन स्थानी स्तर पर महत्व नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 2 सितंबर। खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये सरकार खिलाड़ियों के लिए बजट देती है लेकिन खेल विभाग द्वारा स्थानीय स्तर पर महत्च नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने खेल एवं युवक कल्याण विभाग (Sports and Youth Welfare Department) को अधिकृत किया है, बावजूद इसके विभागीय उदासीनता के कारण खिलाड़ियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खिलाड़ियों के नाम पर आने वाला बजट भी सिर्फ विभाग के वेतन भत्तों की भेंट चढ़ जाता हैं।

यह आरोप भाजपा खेल प्रकोष्ठ जिला संयोजक यतेन्द्र भारद्वाज ने लगाया है। श्री भारद्वाज कहा है कि खेल विभाग में खेल अधिकारी के रूप में श्रीमती रुबीना दीवान ने पदस्थ हुई है, तब से शहर सहित जिले की खेल गतिविधि शिथिल हो गयी है। आबंटन होने के बाद भी खेल विभाग ने कोई खेल गतिविधियों का आयोजन नहीं किया। यहां तक राष्ट्रीय खेल दिवस पर भी विभाग रस्मअदायगी तक नहीं कर सका। अपनी जिम्मेदारी पर पर्दा डालने के लिए दूसरे संगठन के आयोजन में अपना नाम जुड़वा कर कथित सक्रियता बता दी।

प्रधानमंत्री कर रहे हौसला अफजाई और जिम्मेदार नौकरी

आज जब ओलंपिक जैसे खेलो में भारत के खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराया है जिनका स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हौसला अफजाई की है । लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकारी खेल विभाग के आलाधिकारी शायद सिर्फ नौकरी के नाम पर समय ही बीता रही है। खेल अधिकारी ने अपने कार्यकाल में खेलो को लेकर किसी तरह का प्रशिक्षण, स्पर्धाएं नहीं करवाई। ना ही खिलाड़ियों को संसाधन उपलब्ध करवाए गए। शहर में कोई खेल मैदान तक विकसित नहीं किया।

खेल संस्थाओं को दूर रख बनाया जा रहा आडिटोरियम

भाजपा नेता भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि नेहरू स्टेडियम में बनाया जा रहा आडिटोरियम भी बिना किसी खेल जगत के अनुभवी या खेल संस्थाओं को दूर रख ही बनाया गया है। शहर सहित जिले में खेल प्रतिभागियों की कोई कमी नहीं है, कमी और खामियां है तो सिर्फ खेल विभाग के अधिकारियों में। खेल प्रकोष्ठ भाजपा खेल अधिकारी की शिकायत उच्च स्तरीय पर की जाएगी

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