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बदलाव की बयार : पहले रोकते थे पति, अब आगे बढ़ने के लिए करते हैं प्रेरित

🔲 246 स्वयं सहायता समूह को 3 करोड़ 61 लाख रुपए के चेक वितरित

🔲 जिला पंचायत के सभागार में आयोजन

🔲 शिवपुरी से मुख्यमंत्री के आयोजन के प्रसारण को देखा और सुना

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अक्टूबर। ग्रामीण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने वाली महिलाएं बदलाव की बयार ला रही है। परिवर्तन करने वाली महिलाओं ने बताया कि पहले पति जहां जाने से रोकते थे, अब वे स्वयं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने लगे हैं। यह बदलाव हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है।

यह बात बताई स्वयं सहायता समूह की विनीता शर्मा, अनीता और हेमा कुँवर ने। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शुक्रवार को जिला पंचायत के सभागार में मौजूद थी। कार्यक्रम में ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, जिला पंचायत प्रधान परमेश मईड़ा, जिला भाजपा अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लुनेरा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिड़े, स्टेट बैंक ऑफ इडिया के क्षेत्रिय प्रबंधक अरुण कुमार, जिले की स्वयं सहायता समूह की 40 सदस्य एवं बैक सखियां शामिल हुई।

हेमा कुमार और अनीता सफलता की बातें बताते हुए

महिलाओं की बातें सुनकर मौजूद अतिथि हुए हतप्रभ

आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने वाली महिलाओं की बातें सुनकर मौजूद अतिथि भी हतप्रभ थे। महिलाओं ने बताया कि चूल्हा चोका छोड़कर बाहर जाने में हिचकती थी। अब वे बेझिझक केशबुक तक लिख लेती है। पूरा हिसाब किताब कर लेती है। महिलाओं को आगे बढ़ाने में सदैव तत्पर रहती हैं। न केवल हम बल्कि अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ाने के लिए साथ में लेकर चल रही हैं।

आत्मनिर्भरता की दिशा में काफी सक्षम हो चुकी महिलाएं

आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक हिमांशु शुक्ला ने अतिथियों को बताया कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नेतृत्व में महिलाएं काफी सक्षम हो चुकी है। अब उन्हें पता चल गया है कि गांव में प्राइवेट फाइनेंस को महत्व नहीं देना है, सरकारी बैंक ही महत्वपूर्ण है। श्री शुक्ला ने अतिथियों को बताया कि जिले में ही 1 लाख 10 हजार का ऋण स्वयं सहायता समूह को दिया जा रहा है जबकि अन्य जिलों में स्वयं सहायता समूह को 7000 से 85000 तक का ऋण ही बैंक द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इसका मुख्य कारण यही है कि महिलाएं स्वयं समय पर ऋण चुकता कर रही है और खास बात यह है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 4% ब्याज दर पर ही ऋण मिल रहा है। 3000 से अधिक समूह का गठन किया जाकर गठित महिला स्वयं – सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए जिले में समस्त बैंक शाखाओं द्वारा ऋण प्रदाय किया जाता है। श्री शुक्ला ने आजीविका मिशन की अन्य महत्वपूर्ण बातें भी उन्हें बताई।

246 स्वयं सहायता समूह को ऋण का वितरण

अतिथियों ने जिला पंचायत सभागार में 246 स्वयं सहायता समूह को तीन करोड़ 61 लाख रुपए का ऋण प्रदान किया गया ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर स्वयं की कमाई कर सकें। जनकल्याण एवं सुराज अभियान के कार्यक्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वय सहायता समूह को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया। जिला पंचायत के सभागार में बैठी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के उद्बोधन को देखा एवं सुना।

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