लंकेश की दुनिया से हुई विदाई : रावण का किरदार निभाने वाले इंदौर में जन्मे अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का दशहरे के 9 दिन पहले निधन
सांसद रहे हैं श्री त्रिवेदी काफी समय से बीमार थे
हरमुद्दा
बुधवार, 6 अक्टूबर। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले रामानंद सागर के प्रसिद्ध धार्मिक धारावाहिक “रामायण” में रावण का किरदार निभाने वाले इंदौर में जन्मे अभिनेता मशहूर अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) का दशहरे के 9 दिन पहले निधन हो गया है। वो 83 साल के थे। पिछले कई दिनों से वो बीमार चल रहे थे और मंगलवार को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा।
अभिनेता अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ‘चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे। पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी। ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था। एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे। मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया।’
मई में उड़ी थीं अरविंद त्रिवेदी की मौत की अफवाह
इस साल मई में श्री त्रिवेदी के निधन की खबरें सामने आई थीं, जिन पर उनके भतीजे कौस्तुभ ने इसे अफवाह बताते हुए विराम लगा दिया था। इसके अलावा रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी। सुनील लहरी ने लोगों से कहा था कि वे इस तरह के फेक न्यूज न फैलाएं।
लंकेश की दमदार छवि है लोगों के जीवन में
श्री त्रिवेदी ने रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण में रावण का दमदार रोल निभाया था। उन्होंने इस तरह से रोल प्ले किया था कि आज तक लोगों की आंखों के सामने उनकी वही छवि बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि उस दौरान जब धारावाहिक का प्रसारण रविवार को होता था तब रेल गाड़ियां प्लेटफार्म पर ही खड़ी रहती थी। धारावाहिक के समापन के बाद ही गाड़ियां गंतव्य की ओर रवाना होती थी।
इंदौर में हुआ है जन्म श्री त्रिवेदी का
बता दें कि अरविंद त्रिवेदी का जन्म आठ नवंबर 1938 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका शुरुआती करियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। हिंदी के पॉपुलर शो रामायण से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया था।
गुजराती फिल्म में 40 बरस का योगदान
गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया। त्रिवेदी ने गुजरात सरकार द्वारा प्रदान की गई गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए सात पुरस्कार जीते थे। 2002 में उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। अरविंद त्रिवेदी ने 20 जुलाई 2002 से 16 अक्टूबर 2003 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख के रूप में काम किया था।
गुजरात के साबरकांठा से रहे सांसद
अभिनय के अलावा अरविंद साल 1991 से लेकर 1996 तक सांसद रहे। 1991 में, अरविंद त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में साबरकाठा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए और 1996 तक इस पद पर रहे।