ग्रामीण आबादी सम्पत्ति सर्वेक्षण अभियान ‘स्वामित्व योजना’ की शुरुआत आज, प्रधानमंत्री सिंगल क्लिक से वितरित करेंगे अधिकार अभिलेख

 कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जावरा में लिया तैयारियों का जायजा

हरमुद्दा
दिल्ली/रतलाम, 6 अक्टूबर। ग्रामीण आबादी सम्पत्ति सर्वेक्षण अभियान ‘स्वामित्व योजना’ (‘Proprietary Scheme’) के तहत 6 अक्टूबर को जावरा तहसील के 53 गांवों के ग्रामीणों को अधिकार अभिलेख प्रदान किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिंगल क्लिक द्वारा अधिकार अभिलेख (Record of rights) वितरित करेंगे। जिले के जावरा में समारोह आयोजित किया जा रहा है। 

जावरा में आयोजन तैयारी का जायजा कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम तथा पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने मण्डी पहुंचकर लिया। अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

ग्रामीण आबादी सम्पत्ति सर्वेक्षण अभियान ‘स्वामित्व योजना’

भारत सरकार की स्वामित्व योजना के अन्तर्गत म.प्र. शासन ने प्रदेश के गांवो के आबादी क्षेत्रों में सम्पत्ति सर्वेक्षण अभियान प्रारम्भ किया है। सर्वेक्षण का उद्देश्य नक़्शे के आधार पर सम्पत्ति के मालिकाना हक का सरकारी दस्तावेज तैयार करना है। गांवो का आबादी नक्शा तैयार करने का काम ड्रोन कैमरे के प्रयोग से किया जा रहा है। इस योजना से जहां ग्रामीण लोगों की सम्पत्ति का सरकारी रिकार्ड तैयार होगा, वहीं ग्राम पंचायतों को सम्पत्तियों की स्पष्ट और सटीक जानकारी उपलब्ध होगी। ग्रामीण रहवासियों को अपनी सम्पत्ति के हक का सरकारी दस्तावेज उपलब्ध होने से उन्हें अपनी सम्पत्ति बेचने में आसानी होगी और वे बैंक से ऋण प्राप्त करने की सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे।

ड्रोन सर्वेक्षण के पूर्व की तैयारी

आबादी सर्वेक्षण के लिए निश्चित दिन से एक दिन पहले सर्वे कार्य की जानकारी गांववासियों को देने के लिए सार्वजनिक मुनादि करवाई जाएगी। पटवारी आबादी भूमि की बाह्य सीमा को चूना या चूने के घोल के माध्यम से मौके पर चिन्हितक करेंगे। सम्पत्ति के साथ लगे खुले क्षेत्र की सीमाएं संबंधित सम्पत्ति मालिक से चूना या चूने के घोल से चिन्हित कराई जाएगी। सम्पत्ति की सीमाएं चिन्हित करते समय यदि कोई विवाद पैदा होता है तो ग्राम स्तरीय समिति के सहयोग से उन्हें हल किया जाएगा। शासकीय, सार्वजनिक उपयोग की ग्राम पंचायत की सम्पत्ति एवं विभिन्न विभाग की सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जाएगा।

पात्रता

आबादी का सर्वेक्षण कर केवल उन सम्पत्तियों के अधिकार का दस्तावेज तैयार किया जाएगा, जिनके मालिक मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 (संशोधित) लागू होने की दिनांक 25.09.2018 को उस आबादी भूमि का उपयोग कर रहे थे या जिन्हें इस दिनांक के पश्चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया।

घर-घर जाकर सर्वेक्षण

पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव और कोटवार, घर-घर जाकर सम्पत्ति अधिकार के दस्तावेज में प्लाट की जानकारियां भरेंगे। हर प्लाट का उपयोग करने वाले परिवार के मुखिया का नाम, सम्पत्ति अधिकार के दस्तावेज में लिखा जाएगा। अधिकार के दस्तावेज के रखरखाव के लिए समग्र आई.डी. का उपयोग प्राथमिकता से किया जाएगा। मोबाइल नम्बर, ई-मेल या आधार नम्बर जैसी व्यक्तिगत जानकारियां भी संकलित की जाएगी। जिन लोगों की समग्र आई.डी. नहीं होगी, पंचायत से उनकी समग्र आई.डी.जारी करवाकर जानकारी भरी जाएगी। यदि एक प्लाट में एक से अधिक परिवार रहते हैं तो हर परिवार के मुखिया का नाम आपसी सहमति से उनके हिस्से का उल्लेख करते हुए अधिकार दस्तावेज में दर्ज किया जाएगा।

दावा-आपत्ति

सहायक सर्वेक्षण अधिकारी ग्रामवासियों से प्राप्त दावे, आपत्तियों की जांच और सुनवाई करेगे। जांच हेतु निम्न कार्यवाही की जाएगी। सूचना पत्र में तय दिनांक को सम्पत्ति अधिकार दस्तावेज में दर्ज प्रविष्टियों को सहायक सर्वेक्षण अधिकारी द्वारा उपस्थित व्यक्तियों को पढकर सुनाया जाएगा और प्रविष्टियों की जांच की जाएगी। यदि संबंधित व्यक्ति प्रविष्टि का ठीक होना स्वीकार करते हैं और कोई अन्य व्यक्ति उस पर आपत्ति नहीं उठाता है तो उसकी स्वीकारोक्ति टिप्पणी के खाने में दर्ज कर ली जाएगी और प्रविष्टि को अंतिम रुप दे दिया जाएगा। यदि कोई विसंगति पाई जाती है तो कानून अनुसार संशोधन किया जाएगा।

योजना से ग्राम पंचायत को लाभ

सम्पत्ति रजिस्टर तैयार होने से ग्राम पंचायत की स्थायी आय की व्यवस्था होगी। ग्राम पंचायत को गांव के सम्पत्तिधारको की जानकारी समग्र आई.डी. में अद्यतन रहने से ग्राम विकास कीक योजना बनाने में सुविधा होगी। ग्राम पंचायत की सम्पत्ति, शासकीय व सार्वजनिक सम्पत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल निश्चित होने से उनका रखरखाव किया जा सकेगा और उनसे संबंधित सीमा विवाद में कमी आएगी। प्रत्येक सम्पत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल सुनिश्चित होने से निजी सम्पत्ति के विवाद कम होंगे।

`योजना से ग्रामवासियों को लाभ

हर सम्पत्तिधारक को सम्पत्ति का प्रमाण पत्र एवं भूमि स्वामित्व प्राप्त होगा। ड्रोन के माध्यम से कार्य होने के कारण दस्तावेजों का निर्माण शीघ्रता एवं शुद्धता के साथ होगा। सार्वजनिक उपयोग की सम्पत्ति का संरक्षण होगा। रास्ते, ग्राम पंचायत की खुली जगह, नाले, सरोवर का उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। सम्पत्ति का सरकारी दस्तावेज प्राप्त होने से मकान पर बैंक से ऋण लेना आसान होगा। आबादी क्षेत्र का भू-भाग पूर्णतः पारदर्शी होगा और हर एक सम्पत्ति धारक को उनका अधिकार दस्तावेज प्राप्त होगा।

ड्रोन सर्वे कार्य के समय ग्रामवासियों का सहयोग

ग्रामसभा में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर आबादी क्षेत्र के भू-मापन की प्रक्रिया एवं उससे होने वाले फायदों की जानकारी प्राप्त करें। ग्राम पंचायत सचिव एवं पटवारी को अपनी सम्पत्ति, नाम, पता, मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर, समग्र आई.डी. आदि की जानकारी दें जिससे अधिकार दस्तावेजों में सही जानकारी आ सके। ऐसे व्यक्ति जिनकी गांव में सम्पत्ति है और वे गांव से बाहर रहते हैं, उनको इस सर्वे के बारे में जानकारी दें और उनके मोबाइल नम्बर पटवारी अथवा पंचायत सचिव को उपलब्ध कराएं। किसी सम्पत्ति के विषय में यदि कोई विवाद किसी न्यायालय में चल रहा है तो उसके बारे में जानकारी दें। ड्रोन से सर्वे नए सिरे से होने के कारण सम्पत्ति धारक मौके पर आपसी सहमति से चूना लाइन डालकर अपने विवादों को पूर्ण रूप से हल करें।

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