शारदीय नवरात्र : सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाले मंगलकारी घट स्थापना होगी गुरुवार को

 आठ दिवसीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होगी उपासना

हरमुद्दा
बुधवार, 6 अक्टूबर। सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाले मंगलकारी कलश स्थापना के साथ गुरुवार को आठ दिवसीय नवरात्रि उत्सव की शुरुआत होगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित होता है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और उपासना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के दिनों में माता रानी के भक्त मां उनकी विशेष कृपा पाने के लिए व्रत भी रखते हैं।

ज्योतिषाचार्य दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि पंचांग के अनुसार, नवरात्रि का पर्व 07 अक्टूबर से आरंभ होगा। इसे शरद या शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं। शरद नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर को समाप्त होगा।

कलश स्थापना

नवरात्रि का त्योहार कलश स्थापना से आरंभ होता है। शरद नवरात्रि में कलश स्थापना प्रतिपदा तिथि यानी 07 अक्टूबर को होगी। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के त्योहार की विधि-विधान शुरुआत मानी जाती है।

घटस्थापना के उत्तम मुहूर्त

7 अक्टूबर दिन गुरुवार को प्रातः 6:18 से लेकर प्रातः 7:45 बजे तक विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह घट स्थापना के लिए अत्यंत शुभ एवं फलदायक मुहूर्त बताया गया है। इस समय घट स्थापना करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। इसके बाद सुबह 10:40 बजे से दोपहर 1:45 बजे तक समस्त व्यापारी, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग, कारखाना उद्योग एवं जिन कन्याओं की शादी में विलंब है या जिन माताओं-बहनों के संतान होने में दिक्कत हो रही है, ऐसे सभी लोगों के लिए यह समय सभी तरह से लाभदायक, सुख-सुविधाकारक और उन्नति लायक माना जाएगा।

नवरात्रि 2021 की प्रमुख तिथियां

🔲 नवरात्रि प्रारंभ- 07 अक्टूबर 2021, गुरुवार

🔲नवरात्रि नवमी तिथि- 14 अक्टूबर 2021, गुरुवार

🔲 नवरात्रि दशमी तिथि- 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार

घट स्थापना से पूर्व यह करें भक्तजन

पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करने से पहले उस जगह को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है। कलश को पांच तरह के पत्तों से सजाया जाता है और उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, आदि रखी जाती है। कलश को स्थापित करने के लिए उसके नीचे बालू की वेदी बनाई जाती है। जिसमें जौ बोये जाते हैं। जौ बोने की विधि धन-धान्य देने वाली देवी अन्नपूर्णा को खुश करने के लिए की जाती है। मां दुर्गा की फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल के बीचों-बीच स्थापित करते है। जिसके बाद मां दुर्गा को श्रृंगार, रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण अर्पित करते हैं। कलश में अखंड दीप जलाया जाता है जिसे व्रत के आखिरी दिन तक जलाया जाना चाहिए।

कैसे करें घट स्थापना

नवरात्रि में घट स्थापना का बहुत महत्व है। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से की जाती है। कलश को सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रूद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। इससे घर की सभी विपदा दायक तरंगें नष्ट हो जाती हैं तथा घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।

8 दिन की नवरात्रि में कब क्या रहेगा

नवरात्रि दिन 1 (प्रतिपदा) घटस्थापना : मां शैलपुत्री पूजा, 07 अक्टूबर 2021 (गुरुवार) (दोपहर 1:46 तक पड़वा तथा तत्पश्चात द्वितीय तिथि मान्य रहेगी)

नवरात्रि दिन 2 (द्वितीया) मां ब्रह्मचारिणी पूजा, 08 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) प्रातः 10:48 तक द्वितीया तिथि रहेगी तत्पश्चात तृतीया तिथि मान्य रहेगी

नवरात्रि दिन 3 (तृतीया) मां चंद्रघंटा पूजा, 09 अक्टूबर 2021,(शनिवार) 08 अक्टूबर 2021 सुबह 10:48 से 09अक्टूबर 2021 सुबह 07:48तक तृतीया तिथि मान्य रहेगी

नवरात्रि दिन 4 (चतुर्थी) मां कूष्मांडा पूजा, 09 अक्टूबर 2021 (शनिवार), सुबह 7:48 के बाद ही चतुर्थी (चौथ) तिथि मान्य होगी

नवरात्रि दिन 5 (पंचमी) मां स्कंदमाता पूजा,10 अक्टूबर 2021 (रविवार)

नवरात्रि दिन 6 (षष्ठी‌) मां कात्यायनी पूजा, 11 अक्टूबर 2021 (सोमवार)

नवरात्रि दिन 7 (सप्तमी) मां कालरात्रि पूजा, 12 अक्टूबर 2021 (मंगलवार)

नवरात्रि दिन 8 (अष्टमी) मां महागौरी, दुर्गा महा अष्टमी पूजा, 13 अक्टूबर 2021 (बुधवार)

नवरात्रि दिन 9 (नवमी) मां सिद्धिदात्री, महानवमी नवरात्रि पारण, 14 अक्टूबर 2021 (गुरुवार)

नवरात्रि दिन 10 (दशमी) दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी 15 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार)

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